Haryana News: ड्रोन व सेटेलाइट की मदद से रोकी जाएंगी नई अवैध कालोनियां, विकास के लिए मंजूर किए तीन हजार करोड़ रुपये
हरियाणा में अवैध कॉलोनियों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ड्रोन और सैटेलाइट की मदद लेगी। नियमित की गई कालोनियों में बिजली-पानी सड़क और सीवरेज सहित ढांचागत विकास के लिए तीन हजार करोड़ रुपये मंजूर किया है। संस्थागत शहरी विकास के तहत स्मार्ट सिटी परियोजना सार्वजनिक परिवहन भूमि और शहरी नियोजन से जुड़े कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में नई अवैध कालोनियां पनपने से रोकने के लिए सरकार ड्रोन व सैटेलाइट की मदद लेगी। पिछले दिनों नियमित की गई कालोनियों में बिजली-पानी, सड़क और सीवरेज सहित ढांचागत विकास के लिए तीन हजार करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। साथ ही संस्थागत शहरी विकास के तहत स्मार्ट सिटी परियोजना, सार्वजनिक परिवहन, भूमि और शहरी नियोजन से जुड़े कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि भविष्य की लक्षित जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए शहरों में आवासीय, वाणिज्यिक और संस्थानों के आनुपातिक कालोनियों के विकास की योजना बनाई गई है। इसी कड़ी में पहले से स्थापित अनियमित कालोनियों को नियमित करने की कवायद शुरू की गई है। साल 2014 तक कांग्रेस सरकार के 10 साल के कार्यकाल में जहां केवल 874 अनियमित कॉलोनियों को नियमित किया गया था, वहीं मौजूदा सरकार में वर्ष 2014 से अब तक 2547 कॉलोनियों को नियमित किया जा चुका है।
वहीं, वर्षों से पालिकाओं की जमीन पर बने मकानों और दुकानों की मलकियत न होने से परेशान लोगों को शहरी स्वामित्व योजना से राहत मिली है। कलेक्टर रेट से भी कम कीमत चुकाने पर 20 साल से अधिक समय से काबिज व्यक्तियों को किराये या लीज अथवा लाइसेंस फीस पर चल रही पालिकाओं की दुकानों व मकानों की मलकियत प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री की धरातल पर विकासात्मक परियोजनाओं को गति देने के लिए शक्तियों के विकेंद्रीकरण की सोच ने आज शहरों में न केवल विकास की गति को बेहतर किया है, बल्कि शहरी स्थानीय निकाय भी पहले से अधिक सशक्त हुई हैं। पहली बार मेयर या अध्यक्ष के लिए सीधे चुनाव का प्रविधान किया गया। शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति मजबूत करने के लिए संपत्ति के पंजीकरण पर दो प्रतिशत राजस्व देने का प्रावधान किया गया।
चार शहरों में बनी मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी
संस्थागत शहरी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में शहरों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए गुरुग्राम, पंचकूला, सोनीपत व फरीदाबाद में मेट्रोपालिटन डेवलपमेंट अथारिटी का गठन किया गया है। राज्य सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं की तर्ज पर शहरी स्थानीय निकायों में भी पिछड़ा वर्ग-ए को आठ प्रतिशत आरक्षण दिया। स्वावलंबी स्थानीय निकाय एवं शहरी विकास हरियाणा सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है।
मेयर, अध्यक्ष और पार्षदों का मानदेय बढ़ा
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहल पर सरकार और जनता के बीच अहम भूमिका निभाने वाले मेयर के मानदेय को 20 हजार 500 रुपये मासिक से बढ़ाकर 30,000, सीनियर डिप्टी मेयर का 16 हजार 500 रुपये से 25 हजार रुपये, डिप्टी मेयर का 13 हजार से 20 हजार तथा पाषर्दों का मानदेय 10,500 रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये कर दिया है। नगर परिषद के अध्यक्ष का मानदेय 10,500 से 18 हजार, उपाध्यक्ष का 7500 से 12 हजार, पार्षदों का 7500 से 12 हजार तथा नगर समितियों के अध्यक्ष का मानदेय 6,500 से बढ़ाकर 10 हजार रुपये और उपाध्यक्ष व पार्षदों का मानदेय 4500 से 8000 कर दिया है।
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