'सनातन धर्म केवल एक मजहब नहीं...', धीरेंद्र शास्त्री की हनुमान कथा में बोले CM सैनी; बाबा बागेश्वर से लिया आशीर्वाद
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री की हनुमान कथा में भाग लिया। उन्होंने कहा कि यह पहला अवसर है जब बाबा बागेश्वर धाम सरकार का दिव्य दरबार पंचकुला में सजा है। मुख्यमंत्री ने धीरेंद्र शास्त्री जी को श्री हनुमान कथा के भव्य आयोजन के लिए नमन किया।

जागरण संवाददाता, पंचकूला। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार देर शाम विश्व विख्यात कथावाचक बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री की हनुमान कथा में पहुंचकर कथा का श्रवण किया और बाबा बागेश्वर से आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने हरियाणा की धरती पर श्री हनुमंत कथा करने के लिए पधारने पर उनका अभिनंदन भी किया।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि आज का यह अवसर अत्यंत विशेष और ऐतिहासिक है। यह पहला अवसर है, जब बाबा बागेश्वर धाम सरकार का दिव्य दरबार पंचकुला की पावन भूमि पर सजा है। उन्होंने पूज्य धीरेंद्र शास्त्री जी को 'श्री हनुमान कथा' के भव्य, पवित्र और प्रेरणादायक आयोजन के लिए नमन किया और उनका आशीर्वाद लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पंचकूला की धरती भक्ति के रंग में रंगी है। चारों ओर 'श्रीराम जी' और 'बजरंग बली की जय' के जयघोष गूंज रहे हैं। यह कोई साधारण सभा नहीं है, यह भारत के आत्मबल, आस्था और सनातन संस्कृति का सामूहिक उत्सव है। यह संस्कार, संस्कृति और श्रद्धा का साक्षात संगम है।
उन्होंने कहा कि पुण्य धीरेन्द्र शास्त्री जीआपने एक युवा संत के रूप में जो कार्य किया है, वह असाधारण है। आपने कथा को केवल धार्मिक आयोजन नहीं रहने दिया, आपने इसे एक राष्ट्र-जागरण अभियान बना दिया है। आपकी वाणी में वेदों की गूंज है, आपकी भाषा में राष्ट्रप्रेम की भावना है और आपके हर प्रवचन में एक भक्त और एक नागरिक दोनों को जाग्रत करने की क्षमता है। आपकी वाणी में तर्क भी है, श्रद्धा भी है।
युवाओं को धर्म से जोड़ा
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपके दरबार में भक्ति भी है, समाधान भी है और सबसे बड़ा योगदान यह है कि आपने हमारे युवाओं को धर्म से जोड़ा है। युवा जब धर्म से जुड़ता है, तो उसमें संयम और संकल्प आता है। युवा जब राम को अपनाता है, तो वह कर्तव्य पथ को चुनता है। और जब युवा हनुमान बनता है, तो वह राष्ट्र रक्षा के लिए प्राण तक अर्पण कर देता है।
उन्होंने कहा कि आपने जिस प्रकार अपनी साधना, तपस्या और अद्भुत वाणी से जनमानस को जोड़ा है, वह किसी चमत्कार से कम नहीं है। आपने समाज में सनातन के प्रति रुचि जगाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री हनुमान जी केवल शक्ति और बल के देवता नहीं हैं, वे आज के भारत के लिए मार्गदर्शक हैं।
जब हम हनुमान जी को याद करते हैं तो निर्भीकता का भाव आता है। जब हम उनकी भक्ति देखते हैं, तो हमें निस्वार्थ सेवा की प्रेरणा मिलती है और जब हम उनके चरित्र को समझते हैं, तो हमें कर्तव्य और मर्यादा का मार्ग मिलता है। हनुमान जी के जीवन में दो बातें प्रमुख हैं, 'रामकाज' और 'निष्काम सेवा'।
आज के समय में यदि हम अपने जीवन में इन दोनों सिद्धांतों को उतार लें, तो हमारा समाज, राष्ट्र और विश्व सब बदल सकता है और राम राज्य का सपना साकार हो सकता है।
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म केवल एक मजहब नहीं, यह एक जीवनशैली है। यह वह पथ है जो हमें 'वसुधैव कुटुम्बकम्' सिखाता है। आज जब विश्व जलवायु परिवर्तन, युद्ध, असहिष्णुता जैसे विकट संकटों से गुजर रहा है, तब भारत ही वह राष्ट्र है, जो अध्यात्म, विज्ञान और मानवीय मूल्यों का समाधान दे सकता है।
भारत का भविष्य डिजिटल भी होगा और दिव्य भी, भारत आधुनिक भी होगा और आध्यात्मिक भी। ऐसे विकसित भारत का निर्माण करने में पंडित धीरेंद्र शास्त्री जी जैसे संतों और बाबा बागेश्वर धाम जैसे तीर्थों का महान योगदान होगा।
संत-महात्मा, गुरु और महापुरुष न केवल हमारी अमूल्य धरोहर हैं, बल्कि हमारी प्रेरणा भी हैं। ऐसी महान विभूतियों की शिक्षाएं पूरे मानव समाज की धरोहर हैं। उनकी विरासत को सम्भालने व सहेजने की जिम्मेदारी हम सबकी है।
इसलिए हम 'संत-महापुरुष विचार सम्मान एवं प्रसार योजना' के तहत संतों व महापुरुषों के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव तरुण भंडारी, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।
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