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    मनो सरकार ने मिशन 2019 के लिए दिखाई विकास मॉडल की राह

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Tue, 06 Mar 2018 02:57 PM (IST)

    हरियाणा की मनोहरलाल सरकार ने अपने मिशन 2019 के लिए विकास माॅडल को पेश किया है। विधानसभा में राज्‍यपाल ने अपने अभिभाषण में इसकी झलक दिखाई।

    मनो सरकार ने मिशन 2019 के लिए दिखाई विकास मॉडल की राह

    चंडीगढ़, [बिजेंद्र बंसल]। मिशन 2019 के लिए हरियाणा की मनोहर लाल सरकार ने विकास मॉडल का खाका खींच लिया है। इसकी झलक विधानसभा के बजट सत्र की शुरूआत पर राज्यपाल के अभिभाषण में स्पष्ट दिखाई दी। राज्य सरकार की उपलब्धियों के तथ्यात्मक आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो 2019 के चुनाव में मनोहर लाल सरकार के पास राष्ट्रीय स्तर पर कई ऐसी उपलब्धियां गिनाने को होंगी जो गुजरात, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विकास मॉडल को भी मात देंगी।

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    गुजरात, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर तैयार किया उपलब्धियों का खाका

    विपक्ष मनोहर सरकार को अब तक सिर्फ जाट आरक्षण आंदोलन और डेरा सच्चा सौदा प्रकरण की हिंसा पर घेरता रहा है, लेकिन सरकार ने इससे निपटने के लिए अपनी कामकाज का सहारा लेने की रणनीति अपनाने में लगी है। सरकार की रणनीति है कि जनता के समक्ष अपनी ऐसी उपलब्धियां गिनाई जो सोचने पर मजबूर करे। हरियाणा केंद्र की मोदी सरकार की कई सामाजिक योजनाओं का लांचिंग क्षेत्र भी रहा है।

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जब भाजपा ने सितंबर 2014 में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था तो उन्होंने अपने चुनावी अभियान की शुरूआत भी हरियाणा के रेवाड़ी से की थी। प्रधानमंत्री बनने के बाद बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ सहित उज्जवला योजना की शुरूआत के लिए भी मोदी ने हरियाणा को ही चुना था। दिल्ली के नजदीक हरियाणा से केंद्र सरकार के लिए अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं की बाबत पूरे देश में सकारात्मक संदेश देना आसान रहता है।

    इतना ही नहीं केंद्र द्वारा शुरू की गई योजनाओं के अलावा खुद मनोहर सरकार ने केरोसिन मुक्त हरियाणा, ऑनलाइन शिक्षक तबादला नीति, पंचायत प्रतिनिधियों की शैक्षिक योग्यता तय करने से लेकर शौचमुक्त हरियाणा की उपलब्धियों से अलग पहचान बनाई है। ऑनलाइन शिक्षक तबादला नीति और पंचायत प्रतिनिधियों की शैक्षणिक योग्यता तय करने की नीतियों का तो अब कई भाजपा शासित प्रदेश अनुसरण भी कर रहे हैं।

    तेजी से आगे बढ़ता हरियाणा

    राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी ने अपने अभिभाषण में कहा कि विश्वस्तरीय विश्वसनीय एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में स्टेट्स ऑफ ग्रोथ में तीन मद आर्थिक मापदंडों- विकास, मुद्रास्फीति और वित्तीय स्थिति को शामिल किया है। इस श्रेणी में ही गुजरात और मध्यप्रदेश भी शामिल हैं।

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    उन्‍होंने कहा कि इसके अलावा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में 2014 से पहले हरियाणा देश में 14वें स्थान पर था, लेकिन अब दूसरे स्थान पर आ गया है। जीएसटी के तहत रिटर्न-फाइलिंग और कर संग्रहण में हरियाणा छोटा प्रदेश होने के बावजूद महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात के बाद पांचवें स्थान पर है।