कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी दुश्मनों के दिल में खौफ पैदा करने वाले पूर्व सेनाध्यक्ष वीपी मलिक के पड़ोस में तेंदुए की दहशत
पंचकूला के सेक्टर-6 में पूर्व सेनाध्यक्ष वीपी मलिक के पड़ोस में एक तेंदुए ने दहशत फैलाई। शनिवार दोपहर तेंदुआ कई घरों में घुसा, लेकिन वन्यजीव टीम उसे ट ...और पढ़ें

पंचकूला के पॉश एरिया सेक्टर 6 में घुसा तेंदुआ।
आदेश चौधरी, पंचकूला। कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी दुश्मनों के दिल में खौफ पैदा करने वाले पूर्व सेनाध्यक्ष वीपी मलिक के पड़ोस में तेंदुए ने दशहत मचाई। रिटायर्ड जनरल वीपी मलिक पंचकूला के सेक्टर-6 में रहते हैं। इस पॉश सेक्टर में शनिवार दोपहर तेंदुआ घुस आया। एक के बाद एक कई घरों में घुसा। यह क्षेत्र बेहद हाई-प्रोफाइल माना जाता है, जहां पुलिस हेडक्वार्टर समेत कई अहम सरकारी दफ्तर मौजूद हैं।
दोपहर 1:30 बजे से लेकर शाम को चार बजे तक तेंदुआ एक से दूसरे मकान में घुसता रहा, लेकिन वाइल्डलाइफ टीम तेंदुए को ट्रेस नहीं कर पाई। रिटायर्ड जनरल वीपी मलिक की कोठी के साथ लगती निर्माणाधीन कोठी में करीब दो घंटे तक पहरा लगाया गया।
इस दौरान कोठी में काम कर रहे मजदूर छत पर चले गए। प्रशासनिक टीम ने सीढ़ी लगाकर मजदूरों को रिटायर्ड जनरल की कोठी से बाहर निकाला अधिकारियों कहना है कि तेंदुए का पता किया जा रहा है। उसको बेहोश कर काबू किया जाएगा।
सेक्टर 6 की कोठी नंबर 273 में रहने वाले विमल जोशी की पत्नी ने तेंदुए को बहुत करीब से देखा। वह जब अपनी लॉबी में टहल रही थी तो तेंदुआ उसके पास से गुजरा। उन्होंने बताया कि तेंदुआ थका हुआ नजर आ रहा था और हाफ रहा था। कुछ ही मिनटों में पूरे इलाके में खौफ का माहौल बन गया। लोग घरों में दुबक गए, दरवाजे-खिड़कियां बंद कर ली गईं।
वन विभाग की टीम पर उठे सवाल
सूचना मिलते ही पुलिस और वन विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठा कि शुरुआती रेस्क्यू टीम बिना ट्रैंक्विलाइजर गन के क्यों पहुंची? स्थानीय लोगों और सूत्रों का आरोप है कि इसी लापरवाही के कारण तेंदुए को तुरंत काबू नहीं किया जा सका और खतरा और बढ़ गया।
वन विभाग ने ड्रोन उड़ाकर तेंदुए की तलाश शुरू की, वहीं सीसीटीवी फुटेज में उसकी मूवमेंट कैद होने की बात सामने आई है। अधिकारियों ने सेक्टर 4, 6, 8, 9, 12, 17 और कैंटोनमेंट इलाके में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। लोगों से घरों में रहने, बच्चों और पालतू जानवरों को सुरक्षित रखने की अपील की गई है। संयुक्त टीमें लगातार गश्त कर रही हैं।
वीपी मलिक सेना के 18वें अध्यक्ष रहे
वीपी मलिक 1997 से 2000 तक भारतीय सेना के 18वें सेनाध्यक्ष रहे। 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान सेना प्रमुख के रूप में उन्होंने पाकिस्तानी घुसपैठ को विफल करने के लिए 'ऑपरेशन विजय' की योजना बनाई और उसका नेतृत्व किया।

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