Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    टाॅय ट्रेन का टिकट, मगर शिमला का सफर नसीब नहीं, कालका स्टेशन पर फूटा सैलानियों का गुस्सा

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Fri, 26 Dec 2025 07:23 PM (IST)

    कालका-शिमला टॉय ट्रेन में टिकट होने के बावजूद जगह न मिलने से सैकड़ों सैलानी नाराज हो गए। कालका रेलवे स्टेशन पर भीड़ के कारण व्यवस्थाएं चरमरा गईं, जिसस ...और पढ़ें

    Hero Image

    हाथों में टिकट लिए सैलानी विभाग के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। आरपीएफ ने किसी तरह स्थिति को संभाला।

    राजकुमार, कालका। वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल विश्व प्रसिद्ध कालका–शिमला रेल मार्ग पर चलने वाली टाॅय ट्रेन का आकर्षण इन दिनों सिर चढ़कर बोल रहा है। पहाड़ों के बीच इस ऐतिहासिक रेल सफर का आनंद लेने के लिए रोजाना हजारों सैलानी कालका रेलवे स्टेशन पहुंच रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बढ़ती भीड़ के आगे रेलवे की व्यवस्थाएं बौनी साबित हो रही हैं। नतीजा यह कि टिकट हाथ में होने के बावजूद सैकड़ों सैलानी टाय ट्रेन के सुहाने सफर से वंचित रह गए और उनका गुस्सा स्टेशन पर फूट पड़ा।

    हालात उस समय बिगड़ गए जब टिकट मिलने के बावजूद ट्रेन में चढ़ने तक की जगह नहीं मिली। नाराज सैलानियों ने स्टेशन पर जमकर हंगामा किया और बड़ी संख्या में स्टेशन अधीक्षक के कार्यालय में घुस गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को बीच-बचाव कर मोर्चा संभालना पड़ा।

    भीड़ के आगे फेल हुई रेल सेवा

    पर्यटन सीजन के चलते कालका स्टेशन पर सैलानियों का सैलाब उमड़ रहा है। टाॅय ट्रेन की सीमित क्षमता के कारण वेटिंग लिस्ट लगातार बढ़ती जा रही है। हालात यह हैं कि इस महीने के अंत तक और जनवरी के पहले सप्ताह तक अधिकांश टाय ट्रेनें पहले से ही फुल हो चुकी हैं। इसके बावजूद टिकट जारी होने से सैलानियों की नाराजगी और बढ़ गई।

    निराशा में बदला सपनों का सफर

    Kalka3

    टाॅय ट्रेन के रोमांचक सफर के सपने संजोकर पहुंचे सैलानी जब ट्रेन में जगह नहीं पा सके तो उनकी निराशा साफ झलक रही थी। मजबूरी में उन्हें सड़क मार्ग का सहारा लेना पड़ा। विभागीय लापरवाही से न केवल सैलानियों का मूड खराब हुआ, बल्कि उनका बहुप्रतीक्षित अनुभव भी अधूरा रह गया। इस अव्यवस्था का सीधा फायदा टैक्सी चालकों को जरूर मिल रहा है।

    हिमालयन क्वीन के समय बिगड़े हालात

    शिमला के लिए रवाना होने वाली आखिरी ट्रेन हिमालयन क्वीन के समय प्लेटफार्म सैलानियों से खचाखच भरा रहा। ट्रेन में महज एक जनरल कोच होने और उसमें सीमित सीटें होने के बावजूद बड़ी संख्या में टिकट जारी किए गए थे।

    हाथों में टिकट लिए सैलानी विभाग के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। देखते ही देखते गुस्सा उबाल पर पहुंच गया और सैलानी स्टेशन अधीक्षक के कार्यालय में घुस गए। आरपीएफ ने किसी तरह स्थिति को संभाला और सैलानियों को शांत कर बाहर निकाला।

    सीट नहीं तो टिकट क्यों?

    गुस्साए सैलानियों का कहना था कि जब ट्रेन में केवल एक जनरल कोच है और उसमें करीब 30 सीटें ही उपलब्ध हैं, तो भारी संख्या में टिकट बांटना सरासर गलत है। उनका सवाल था कि या तो विभाग अतिरिक्त ट्रेनें चलाए या फिर टिकट जारी करने से पहले स्पष्ट व्यवस्था करे।

    रिफंड देकर टला मामला

    बवाल के बाद रेलवे विभाग ने कई सैलानियों को टिकट का रिफंड किया। इसके बाद मायूस सैलानी सड़क मार्ग से शिमला और अन्य पर्यटन स्थलों की ओर रवाना हुए। हालांकि सवाल यह है कि कब तक सैलानी इसी तरह अव्यवस्था का शिकार होते रहेंगे और कब रेलवे विभाग बढ़ती भीड़ के अनुरूप अपनी सेवाओं को मजबूत करेगा।