अब नहीं चलेगा कोई बहाना, जल्द सुनवाई और सजा पाकर जेल जाएंगे 'नेताजी'
देश की जनता ने जिन सांसदों और विधायकों को नियम बनाने के लिए संसद और विधानसभा में भेजा है, उनमें से लगभग हर तीसरा जनप्रतिनिधि ऐसा है जिस पर खुद ही अपरा ...और पढ़ें

चंडीगढ़, [राज्य ब्यूरो]। अपराध में संलिप्त सांसदों और विधायकों पर चल रहे केस अब लंबे नहीं खिंचेंगे। केंद्र सरकार ने सांसदों व विधायकों के खिलाफ केस की जल्द सुनवाई के लिए देशभर में एक दर्जन स्पेशल कोर्ट बनाने का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दिया है। इसके बाद पूरे देश में ऐसे सांसदों व विधायकों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिनके खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में मुकदमे दर्ज हैं तथा केस अदालतों में चल रहे हैं।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के परिपत्र के बाद हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने भी राज्य के दागी सांसदों व विधायकों की सूची सरकार से तलब कर ली है। एडवोकेट जनरल ने राज्य के पुलिस महानिदेशक बीएस संधू को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य में जिस भी सांसद और विधायक के खिलाफ थानों में केस चल रहे हैं, उनकी पूरी डिटेल तुरंत उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने सीधे हाईकोर्ट में आई शिकायतों के बारे में भी जानकारी मांगी है।
हरियाणा: नौ विधायकों व सांसदों के खिलाफ मामले
पिछले चुनाव के दौरान चुनाव आयोग में दिए गए हलफनामे के आधार पर हरियाणा के नौ विधायकों व दो सांसदों पर आपराधिक मामले हैं, लेकिन तीन साल बाद इनकी संख्या कहीं अधिक हो सकती है। एडवोकेट जनरल के अनुसार पुलिस महानिदेशक की रिपोर्ट आने के बाद ही सही स्थिति पता चलेगी, लेकिन हरियाणा में बाकी राज्यों की अपेक्षा स्थिति खराब नहीं है।
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एडवोकेट जनरल ने लालू यादव का उदाहरण देकर बताया कि विधायकों-सांसदों के खिलाफ कई-कई साल तक केस की सुनवाई नहीं होती। इसलिए केंद्र सरकार देश भर में 12 स्पेशल कोर्ट बनवाने की तैयारी में है, ताकि राजनीति का अपराधीकरण रोका जा सके और पहले से चल रहे केस का समयबद्ध निस्तारण हो सके। ऐसी कोई कोर्ट हरियाणा में बनेगी या नहीं, यह फैसला केंद्र सरकार ने करना है। पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट आने के बाद उसे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के पास सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने के लिए भेज दिया जाएगा।
देश का हर तीसरा माननीय दागी
देश की जनता ने जिन सांसदों और विधायकों को नियम बनाने के लिए संसद और विधानसभा में भेजा है, उनमें से लगभग हर तीसरा जनप्रतिनिधि ऐसा है जिस पर खुद ही अपराधिक मुकदमा दर्ज है। देश के 33 फीसदी सांसद और विधायक आपराधिक बैकग्राउंड वाले हैं। कई प्रतिनिधियों के खिलाफ तो दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले भी दर्ज हैं। हरियाणा में नौ विधायक और दो सांसद ऐसे हैं जिन्हें विभिन्न मामलों में दागी कहा जा सकता है।
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महिलाओं के प्रति अपराध में भी पीछे नहीं माननीय
देशभर के 51 सांसद और विधायक ऐसे हैं जिनके ऊपर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं। यह किसी व्यक्ति के आरोप नहीं हैं बल्कि यह जानकारी खुद सांसदों और विधायकों द्वारा दिए गए हलफनामे से सामने आई है, जिसके बारे में एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) संस्था ने अपनी रिपोर्ट में दी है। एडीआर के अध्ययन के मुताबिक यह स्थिति राजनीति में अपराधियों का बोलबाला बढ़ जाने की तरफ इशारा कर रही है। एडीआर ने 4852 विधायकों और सांसदों के हलफनामों का अध्ययन करने के बाद यह रिपोर्ट प्रकाशित की है।

राजनीति का अपराधीकरण रोकने में मिलेगी मदद
हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने कहा- देशभर में राजनीति का अपराधीकरण रोकने की प्रक्रिया चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी इसे लेकर काफी गंभीर है। केंद्र सरकार देश में 12 स्पेशल कोर्ट बनाएगी, ताकि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ चलने वाले केस अनावश्यक लंबे न खिंच सके और उन पर जल्द फैसला आए। हमसे भी ऐसे विधायकों-सांसदों के बारे में जानकारी मांगी गई है। हमने पुलिस महानिदेशक से कहा है कि वे सभी पुलिस स्टेशनों से ताजी सूचना उपलब्ध कराकर तुरंत उपलब्ध कराएं। स्पेशल कोर्ट हरियाणा में बनेगी या नहीं, यह देशभर के केसों की पड़ताल के बाद पता चलेगा।
जानिए अपने विधायकों-सांसदों के बारे में
- जिन 51 जनप्रतिनिधियों ने अपने हलफनामे में महिलाओं के खिलाफ अपराध की बात स्वीकार की है, उनमें 3 सांसद और 48 विधायक हैं।
- 334 ऐसे उम्मीदवार थे जिनके खिलाफ महिलाओं के प्रति अपराध के मुकदमे दर्ज हैं, लेकिन उन्हें मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों ने टिकट दिया था।
- हलफनामों के अध्ययन से यह बात सामने आई कि आपराधिक छवि वाले सबसे ज्यादा सांसद और विधायक महाराष्ट्र में हैं, जहां ऐसे माननीयों की संख्या 12 है। दूसरे और तीसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल और ओडिशा हैं।
- जिन जनप्रतिनिधियों के ऊपर अपराधिक मामले दर्ज हैं, उनमें से सबसे बड़ी संख्या भाजपा की है, जिसके 14 सांसदों, विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज हैं। दूसरे नंबर पर शिवसेना है, जिसके सात जनप्रतिनिधियों पर अपराधिक मामले दर्ज हैं और तीसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस है।
- चार विधायक ऐसे हैं जिनके खिलाफ दुष्कर्म से संबंधित मुकदमा दर्ज है। इनमें से एक-एक आंध्र प्रदेश, गुजरात, उड़ीसा और बिहार से हैं।
- पिछले 5 सालों में मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों ने 29 ऐसे लोगों को टिकट दिया, जिनके खिलाफ दुष्कर्म के मुकदमे दर्ज हैं।
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