हरियाणा के सीएम की मांग, छोटे राज्यों में मंत्रियों की संख्या बढ़ाने का हो प्रावधान
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने छोटे राज्यों में मंत्री की तय संख्या बढ़ाने की मांग की है। उन्हाेंंने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिख इससे हो रही समस्या से अवगत कराया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार अपने चार मुख्य संसदीय सचिवों की पैरवी के लिए भले ही सुप्रीम कोर्ट नहीं गई, लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या बढ़ाने का आग्रह केंद्र सरकार से किया है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हरियाणा में सरकारी विभागों का कामकाज अधिक होने का हवाला देते हुए मंत्रियों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा खत
राज्यों में विधायकाें की संख्या के 15 फीसदी ही मंत्रियों की संख्या हाे सकती है। हरियाणा में 90 सदस्यीय विधानसभा है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में प्रदेश में मंत्रियों की संख्या निर्धारित से अधिक होने का हवाला देते हुए केस चल रहा है। कैबिनेट में मुख्यमंत्री मनोहर लाल समेत 14 मंत्री हैं। कुल विधायकों की 15 फीसद संख्या के आधार पर यह 13.5 बनती है, लेकिन मंत्री 14 हैैं। ऐसे में .5 फीसद को लेकर विवाद है।
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यह मामला सबसे पहले कांग्रेस विधायक कर्ण सिंह दलाल ने उठाया था, लेकिन तब उनकी बात को नजर अंदाज कर दिया गया था। अब विवाद हाई कोर्ट में है तो सरकार की चिंता बढ़ी हुई है। हाई कोर्ट चार मुख्य संसदीय सचिवों को पहले ही हटाने के आदेश दे चुकी है। नई परिस्थितियों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा कि 100 विधायकों से कम वाली विधानसभाओं में मंत्रियों की संख्या 18 से 22 फीसदी होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने हरियाणा का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां 90 सदस्य हैं और 54 से अधिक सरकारी विभाग हैं। इन विभागों के बढ़े कामकाज को चलाने के लिए मंत्रियों की संख्या काफी कम है। लिहाजा मंत्रियों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
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बताया जाता है कि मुख्यमंत्री के इस सुझाव पर केंद्र गंभीरता से मंथन कर रहा है। सुझाव मानकर यदि इस पर कदम उठाया जाता है तो हरियाणा समेत विभिन्न राज्यों में कई विधायकों की लाॅटरी लग सकती है और मौजूदा सीएम अपनी पसंद के मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल करते हुए संतुलन साध सकते हैं।
सीपीएस लाभ का पद नहीं : हुड्डा
'' मुख्य संसदीय सचिव लाभ का पद नहीं है। हाई कोर्ट ने जरूर कोई गड़बड़ देखते हुए भाजपा सरकार के चारों सीपीएस हटाने के आदेश जारी किए थे। वे सुप्रीम कोर्ट में क्यों नहीं गए, यह उनकी पार्टी का मामला है। हमने भी सीपीएस बनाए थे, लेकिन नियम यह कहता है कि संविधान में सीपीएस न तो मंत्री की पावर ले सकते हैं और न ही सुविधाएं। कानूनी व संवैधानिक तौर पर यह गलत है, लेकिन सीपीएस बनाना गलत नहीं है।
- भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री, हरियाणा।
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