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    मनरेगा घोटाले में आइएएस अफसर ही देंगे चार दागी आइएएस पर फैसला

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Wed, 05 Jul 2017 08:25 PM (IST)

    मनरेगा घोटाले में शामिल अफसरों पर कार्रवाई को लेकर सरकार दबाव में है। सबसे बड़ी बात यह है कि दागी आइएएस पर आइएएस ही फैसला देंगे।

    मनरेगा घोटाले में आइएएस अफसर ही देंगे चार दागी आइएएस पर फैसला

    जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार लोकायुक्त जस्टिस एनके अग्रवाल की उस सिफारिश पर कार्रवाई के लिए भारी दबाव में हैैं, जिसमें उन्होंने अंबाला के मनरेगा घोटाले में चार आइएएस अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर तीन माह में रिपोर्ट देने को कह रखा है। लोकायुक्त ने यह सिफारिश करीब एक माह पहले की थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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    जीरो टालरेंस की नीति पर चल रही सरकार ने अब लोकायुक्त के फैसले की समीक्षा के लिए हरियाणा के ही चार अधिकारियों की हाई पावर कमेटी का गठन कर दिया है। इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार चारों आइएएस अफसरों पर कार्रवाई का कोई फैसला लेगी। कमेटी में हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन, आबकारी एवं कराधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, ग्रामीण विकास व पंचायत विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव नवराज संधू और विजिलेंस ब्यूरो के महानिदेशक आइपीएस अधिकारी परविंद्र सिंह राय को शामिल किया गया है।

    कमेटी में शामिल दो अफसर आइएएस हैैं। ऐसे में वे अपने अपने साथी आइएएस अफसरों के विरुद्ध कार्रवाई की रिपोर्ट देंगे, इसकी संभावना कम ही है। वैसे भी चारों आइएएस अधिकारी सरकार को लिखित में अपना पक्ष दे चुके हैैं। सरकार उनके पक्ष से काफी हद तक संतुष्ट भी है, लेकिन किसी तरह के विवाद से बचने के लिए सरकार ने हाई पावर कमेटी बना दी है। कमेटी इन अफसरों का पक्ष भी जानेगी।

    अंबाला के तत्कालीन एडीसी संजीव वर्मा ने मनरेगा घोटाले का पर्दाफाश किया था। समालखा के आरटीआइ एक्टिविस्ट पीपी कपूर इस मामले को लेकर लोकायुक्त के पास गए थे। करीब 25 करोड़ रुपये की हेराफेरी से जुड़े इस मामले में लोकायुक्त ने आइएएस समीरपाल सरों, रेणु फुलिया, मोहम्मद शाइन और सुमेधा कटारिया के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने की सिफारिश की थी।

    इन पदों पर काम कर रहे हैं चारों आइएएस

    समीरपाल सरो वर्तमान में फरीदाबाद और सुमेधा कटारिया कुरुक्षेत्र की डीसी हैं। वहीं रेणु एस फुलिया महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक और मोहम्मद शाईन शुगर मिल फैडरेशन के प्रबंध निदेशक हैं। सरकार ने इस मामले में वन विभाग के नौ अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रखी है।

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