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    पति-पत्नी सात साल से अलग, रिश्ता हो चुका खत्म, तलाक की मांग पर हाई कोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणी

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Tue, 12 Jul 2022 10:33 AM (IST)

    तलाक के एक मामले पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की। कहा कि पति-पत्नी सात वर्ष से अलग तो इसका मतलब रिश्ता खत्म हो चुका। पति के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराना क्रूरता है ।

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    तलाक के मामले पर हाई कोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणी। सांकेतिक फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पति-पत्नी सात साल से अलग रह रहे हैं और उनके रिश्ते कटुता से भरे हुए हैं। यह रिश्ता एक मृत रिश्ता है और इस रिश्ते में अब किसी सुधार की संभावना नहीं है। ऐसे में यह रिश्ता खत्म होना ही उचित है। हाई कोर्ट की जस्टिस रितु बाहरी व जस्टिस मीनाक्षी आई मेहता ने यह टिप्पणी पंचकूला निवासी एक पति की तलाक की मांग को स्वीकार करते हुए की।

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    मामले में पति ने पंचकूला फैमिली कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उसकी तलाक की मांग को खारिज कर दिया गया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पत्नी ने ससुराल पक्ष के लोगों को झूठे मामलों में फंसाने की हरसंभव कोशिश की। उसने हर वह कदम उठाया, जिसमें पति व उसके परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा खत्म हो जाए तथा वह समाज में मुंह दिखाने के काबिल न रहे।

    पत्नी की साजिश के तहत याचिकाकर्ता पति की गिरफ्तारी हुई और उसे सलाखों के पीछे जाना पड़ा। इससे बड़े पैमाने पर समाज की नजर में उनकी छवि और प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ। कोर्ट ने कहा कि पत्नी का यह कृत्य उसके पति के प्रति एक क्रूरता है।

    कोर्ट ने पंचकूला फैमिली कोर्ट के फैसले को रद करते हुए पति की तलाक की अपील को स्वीकार किया। इस मामले में याचिकाकर्ता पति ने हाई कोर्ट में दायर अपील में आरोप लगाया कि प्रतिवादी पत्नी छोटी-छोटी बातों पर झगड़ती थी और अक्सर आत्महत्या करने की धमकी देती थी। यहां तक कि किसी झूठी शिकायत/मामले में फंसाने की धमकियां भी दी गई।

    याचिका के अनुसार पत्नी ने पति, उसकी मां और बहन के साथ-साथ उसके चाचा के खिलाफ क्राइम अगेंस्ट वुमन सेल में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन बाद में उसने पुलिस अधिकारियों के सामने एक बयान दिया कि वह अपनी शिकायत वापस लेना चाहती है। पत्नी ने फिर से कई शिकायतें दर्ज करवा दी, जिस कारण पति को गिरफ्तार कर लिया गया।

    बाद में पति आरोपमुक्त हो गया, लेकिन इसके बाद भी पत्नी ने उसके व उसके परिवार के खिलाफ कई मामले दर्ज करवा दिए। सभी तथ्यों को देखने के बाद कोर्ट ने माना कि पत्नी का रवैया क्रूरतापूर्ण है और वह सात साल से अलग रह रही है। यह रिश्ता मृत है और इसके दोबारा से जीवंत होने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। इसी के साथ कोर्ट ने पति की तलाक की मांग को स्वीकार करने का फैसला किया।