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    पंचकूला पुलिस पर मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप, DCP सृष्टि गुप्ता को आयोग ने किया तलब

    Updated: Fri, 08 Aug 2025 03:35 PM (IST)

    हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने पंचकूला पुलिस पर अवैध हिरासत के आरोपों पर सख्ती दिखाई है। डीसीपी सृष्टि गुप्ता को 20 अगस्त 2025 को पेश होने का आदेश दिया गया है। मामला पिंजौर थाने का है जहाँ एक व्यक्ति को जमानत के बाद भी हिरासत में रखने और प्रताड़ित करने का आरोप है। वकील दीपांशु बंसल ने आयोग में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

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    Haryana News: पंचकूला की डीसीपी सृष्टि गुप्ता (जागरण फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने पंचकूला की पुलिस पर अवैध हिरासत और जमानत के बावजूद पुन गिरफ्तारी के गंभीर आरोपों को लेकर सख्त रुख अपनाया है।

    आयोग ने पंचकूला की पुलिस उपायुक्त (क्राइम एंड ट्रैफिक) सृष्टि गुप्ता को आगामी 20 अगस्त 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर पूरे पुलिस रिकॉर्ड समेत अपना पक्ष रखने के निर्देश जारी किए हैं।यह मामला पिंजौर थाना क्षेत्र से जुड़ा है, जहां एक व्यक्ति प्रवेश को 27 जून 2025 को अदालत में पेश किया गया था।

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    पुलिस ने उसकी दो दिन की रिमांड मांगी थी, परंतु अदालत ने पुलिस की दलीलों से असहमति जताते हुए आरोपित को जमानत दे दी थी। कोर्ट को यह भी बताया गया कि पुलिस आरोपित के खिलाफ पेश किए गए कथित अवैध हथियार की कोई तकनीकी पुष्टि नहीं दे सकी।

    24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखा

    हालांकि, जमानत के बावजूद, 15 जुलाई 2025 को पिंजौर पुलिस ने आरोपित को दोबारा थाने बुलाया और उसे 24 घंटे से अधिक समय तक अवैध रूप से हिरासत में रखा। आरोप है कि इस दौरान आरोपित को थाने और बाहर ले जाकर बुरी तरह प्रताड़ित किया गया।

    इस मामले को पंचकूला के वकील दीपांशु बंसल ने 16 जुलाई 2025 को मानवाधिकार आयोग के सदस्य दीप भाटिया की पीठ में उठाया। आयोग ने पहले ही इस संबंध में पंचकूला पुलिस से रिपोर्ट तलब की थी।30 जुलाई 2025 को पुलिस उपायुक्त आयोग के समक्ष पेश हुए और रिपोर्ट दाखिल की, लेकिन आयोग को उसमें कई बुनियादी खामियां नजर आईं।

    छह अगस्त को हिरासत में लिया था

    इसके बाद आयोग ने दोनों पक्षों को सभी जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। 6 अगस्त 2025 को वकील बंसल ने आयोग के समक्ष अवैध हिरासत के प्रमाण और आपत्तियां पेश की, जिसमें डीसीपी सृष्टि गुप्ता के विरुद्ध गंभीर आरोप लगाए गए।

    आयोग ने पाया कि पुलिस की कार्रवाई न सिर्फ़ मानवीय अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों की भी अवहेलना की गई है।आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए न सिर्फ डीसीपी को तलब किया है। आयोग ने इस आदेश की कापी हरियाणा के पुलिस महानिदेशक को भेजने का आदेश दिया है।