पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वैद्य की पुत्री को पत्नी बता दिया, सरकार ने अब मानी गलती
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल एएस वैद्य की बेटी को उनकी पत्नी बता दिया। इससे वह बहु प्लाट आवंटन के घेरे में आ गए। अब हरियाणा सरकार ने इस गलती को माना है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (पूर्व में हुडा) के काम करने का तरीका भी अनोखा है। उसने भारतीय थलसेना के अध्यक्ष रहे जनरल एएस वैद्य (अरुण श्रीधर वैद्य) की बेटी को उनकी पत्नी बता दिया। इस गलती के कारण जनरल वैद्य बहु प्लांट आवंटन के घेरे में आ गए। अब हरियाणा सरकार ने गलती मान ली है और कहा है कि जनरल वैद्य के नाम दो प्लाट नहीं आवंटित नहीं किए थे।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के समक्ष पेश किए शपथपत्र में हरियाणा सरकार ने यह जानकारी दी है। हाई कोर्ट हुडा द्वारा एक व्यक्ति को कई प्लाट दिए जाने के प्रकरण में सुनवाई कर रहा है। अब अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को होगी। नियमों के मुताबिक एक व्यक्ति को एक से अधिक प्लाट आवंटित नहीं किए जा सकते थे। जब यह घोटाला सामने आया तो एक से अधिक प्लाट आवंटित करवाने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई।
यह भी पढ़ें: अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने से इन्कार पर इंजीनियर पति ने कहा-तलाक...तलाक...तलाक
इस सूची में स्व. जनरल वैद्य और उनकी बेटी तारिणी का भी नाम था। अब हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया है कि जनरल वैद्य बहु आवंटन के लाभार्थी नहीं थे। जनरल वैद्य और उनकी पुत्री के नाम पर हुडा की तरफ से दो प्लॉट आवंटित किए गए थे। एक उनके नाम से और एक उनकी पुत्री के नाम से। लेकिन, हुडा ने गलती से तारिणी को जनरल वैद्य की पत्नी के रूप में दर्शा दिया था। इस संबंध में हुडा हाई कोर्ट में शपथ पत्र दायर कर स्थिति को स्पष्ट कर चुका है। जनरल वैद्य की बेटी तारिणी वैद्य भी अपने और अपने पिता का नाम इस सूची में आने पर हाई कोर्ट में याचिका लगा चुकी हैं।
तारिणी का कहना है कि उसके नाम के साथ उनके स्व. पिता का नाम होने के कारण हुडा अधिकारियों ने उनके नाम पति-पत्नी समझ सूची में डाल दिया। तारिणी यह स्पष्ट कर चुकी हैं उनके पिता ने अपनी आय से प्लाट खरीदा था और उन्होंने अपनी आय से। वह स्वयं एक मल्टीनेशनल बैंक में उच्च अधिकारी हैं।
यह भी पढ़ें: पाक आर्मी चीफ को झप्पी देना सिद्धू पर पड़ा भारी, अब दे रहे सफाई, कैप्टन भी हुए गरम
गौरतलब है कि जनरल वैद्य को प्लाट सन 1976 में आवंटित किया गया था, जबकि तारिणी को दस वर्ष बाद 1986 में आवंटित किया गया। उस समय तारिणी की उम्र 22 वर्ष थी और वह बालिग थीं। जनरल वैद्य ने सन 1984 में आपरेशन ब्लू स्टार का नेतृत्व किया था। दो साल बाद दो आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी थी।
दरअसल, कुछ लोगों ने याचिका दायर कर कहा है कि हरियाणा सरकार घोटाले के आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने में भेदभाव कर रही है। ये लोग वीआइपी हैं। शिकायतकर्ताओं के वकील एचएस सेठी ने मंगलवार को हरियाणा सरकार द्वारा दायर की गई स्टेटस रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि सूची में शामिल नामों पर हरियाणा सरकार ने अपने जवाब में कई तथ्यों को छिपाया है। इसी पर सरकार ने स्थिति स्पष्ट की और जनरल वैद्य का हवाला दिया।
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान जाकर नवजोत सिंह सिद्धू को याद आए अटल, जानिए- क्या कहा
हुडा के जवाब पर शिकायतकर्ता तीन सप्ताह में दें आपत्ति
जस्टिस दया चौधरी की पीठ ने शिकायतकर्ता को निर्देश दिए कि वह बहु आवंटन का लाभ लेने वालों के संबंध में दी गई सूची पर हुडा ने जो जवाब दिया है, उसपर तीन सप्ताह के भीतर अपनी आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर उनकी जानकारी में और नाम आते हैं तो उन्हें भी अपनी सूची जोड़ सकते हैं।
अगली सुनवाई पर कंपाउंड नीति पर होगी बहस
हाई कोर्ट ने बहु आवंटन का लाभ लेने वालों के लिए हुडा द्वारा तैयार की गई कंपाउंड नीति के मसौदे पर बहस के लिए भी अगली तारीख निर्धारित की है। हुडा ने अपनी कंपांउड नीति में बहु आवंटन का लेने वालों से उनके प्लॉट कीवर्तमान बाजार कीमत के हिसाब से जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें