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    हिसार CHOs की CM से गुहार, NHM की मनमानी से 2.5 साल से रुका PB इंसेंटिव; मुख्यमंत्री सैनी ने जल्द रिलीज का दिया आश्वासन

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 04:05 PM (IST)

    एनएचएम पंचकूला की मनमानी से हिसार के सीएचओ का परफार्मेंस बेस्ड इंसेंटिव रुका हुआ है मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से पीबीआई जारी करने की गुहार लगाई है। पिछले ढाई सालों से सीएचओ को इंसेंटिव नहीं मिला है। हिसार जिले के सीएचओ प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री नायब सैनी को इस बारे में अवगत कराया मुख्यमंत्री ने जल्द पीबीआई जारी करने का आश्वासन दिया।

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    हिसार CHOs की CM से गुहार, NHM की मनमानी से 2.5 साल से रुका PB इंसेंटिव (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। एनएचएम पंचकूला मुख्यालय की मनमानी के चलते हिसार जिले में कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ, कम्युनिटी हेल्थ आफिसर) का पिछले ढाई सालों से सीएचओ को परफार्मेंस बेस्ड इंसेंटिव अटका हुआ है।

    सीएचओ की ओर से कई बार सीएमओ और एनएचएम के उच्चाधिकारियों को परफार्मेंस बेस्ड इंसेंटिव देने की गुहार लगाई जा चुकी है। मगर अभी तक सीएचओ को पीबीआई नहीं मिल पाया है। हिसार जिले के सीएचओ प्रतिनिधिमंडल द्वारा सीएम आवास में मुख्यमंत्री नायब सैनी को अनदेखी बारे अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि जल्द ही उन्हें पीबीआई जारी होगा।

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    हिसार जिले के डॉ. सुनील उपकेंद्र सुंदावास सीएचसी आर्यनगर, डॉ. रजत कुमार उपकेन्द्र न्योली खुर्द सीएचसी सीसवाल, डॉ. रमनकांत शर्मा उपकेंद्र मालापुर सीएचसी सीसवाल, डॉ. सुनील ईशरवाल उपकेंद्र मोटरश्याम सीएचसी सीसवाल और डॉ. नीलम उपकेंद्र सलेमगढ़ सीएचसी सीसवाल ने सीएम दरबार में मुख्यमंत्री नायब सैनी के सामने परफार्मेंस बेस्ड इंसेंटिव न जारी करने बारे अवगत कराया।

    प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि जनवरी 2023 से लेकर अब तक उनका परफार्मेंस बेस्ड इंसेंटिव पेडिंग है। उनके द्वारा हिसार जिले के सिविल सर्जन को इस बारे अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक उनका पीबीआई जारी नहीं किया गया। जबकि हिसार जिले के बरवाला ब्लॉक के गांव बहबलपुर और किरोड़ी में जो सीएचओ कार्यरत हैं, उनको पीबीआई जारी कर दिया गया है।

    इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में पानीपत, करनाल, चरखी-दादरी में भी यह इंसेंटिव ब्रिज कोर्स के रिजल्ट से पूर्व जारी कर दिया गया था। दरअसल, जिन सीएचओ ने जुलाई 2022 में बीपीसीसीएचएन कोर्स किया था, उनको परीक्षा देने के बाद और परिणाम आने से पहले जिस अवधि में सीएचओ द्वारा उप केंद्र स्तर पर कार्य किया गया।

    प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुख्यमंत्री को अवगव कराया कि सभी सीएचओ जिनका ब्रिज कोर्स नहीं हुआ, उनको शुरू में पीएचसी में एमओ के सुपरविजन में रखा जाएगा और फिर इसके बाद उन्हें सब सेंटर पर पदस्थापित करने का प्रावधान था। इसके अनुसार जो बीएएमएस व बीएससी नर्सिंग हैं, उनको ब्रिज कोर्स करवाया जाएगा।

    ब्रिज कोर्स के बाद उन्हें सब-सेंटर पर नियुक्त किया जाएगा और वहां उन्हें परफार्मेंस के आधार पर पीबीआई जारी किया जाएगा। दिसंबर 2022 में उनके द्वारा ब्रिज कोर्स करने के बाद कोर्स संबंधित सभी योग्यताएं पूरी हो गई, इसके बाद विभाग की ओर से ट्रेनिंग करवाई गई।

    16 दिसंबर 2022 से सीएचओ के पद पर कार्यरत जो पारिश्रमिक बनता है, उसके वे पूर्ण रूप से योग्य हो गए। दिसंबर 2022 में कोर्स पूरा करने के बाद उनका पूरा हक बनता है कि जो कार्य किया गया है उसके बदले में वेतन मिलना चाहिए।

    प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि जब उन्होंने परीक्षा दे दी थी, तभी से पीबीआई मिलना चाहिए था। मगर परिणाम देरी से 10 अक्टूबर 2023 को जारी किया गया। मगर उनकी योग्यता उस समय पूरी हो गई, जब उन्होंने ट्रेनिंग पूरी कर ली, यदि परिणाम देरी से आता है तो उस सत्र का लाभ व पास आउट को माना जाता है। जबकि सभी जिलों में परीक्षा के बाद ही पीबीआई दिया जा रहा है, केवल हिसार में ही उनका के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।