'हरियाणा का बजट 1.89 लाख करोड़, कर्जा 3.17 लाख करोड़', रणदीप सुरजेवाला ने नायब सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
हरियाणा (Haryana Politics) में वित्तीय आपातकाल का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने कहा कि राज्य पर 3.17 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है और हर साल मूल और ब्याज में 60 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है। कांग्रेस नेता ने भाजपा सरकार पर कर्ज लेकर घी पीने की नीति अपनाने का आरोप भी लगाया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana News: कांग्रेस महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने हरियाणा में वित्तीय आपातकाल चलने के आरोप लगाए हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा का पिछला वार्षिक बजट 1 लाख 89 हजार 876 करोड़ रुपये था। राज्य पर इस समय 3 लाख 17 हजार 982 करोड़ रुपये का कर्ज है। हर साल मूल और ब्याज में 60 हजार करोड़ रुपये का भुगतान सरकार को करना पड़ रहा है।
रणदीप सुरजेवाला ने लगाए गंभीर आरोप
रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने आरोप लगाया कि पूरे बजट का एक तिहाई हिस्सा तो कर्ज का मूल और ब्याज उतारने में ही जा रहा है। अभी यह सुनिश्चित नहीं है कि इस बार हरियाणा सरकार कितना कर्ज लेने वाली है।
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पिछले कई बजट को देखें तो हर साल होने वाले कामों का 35% तो कर्ज उठाकर किया जाता है। ऐसे में साल 2025-26 का बजट पेश करते हुए भी नए कर्ज लेने के प्रविधान किए जाने वाले हैं।
भाजपा कर्ज लेकर घी पीने की नीति पर कर रही काम: सुरजेवाला
हरियाणा (Haryana News) के पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रदेश को 'वित्तीय आपातकाल' के दौर से बाहर निकालना सबसे बड़ी चुनौती है। भाजपा के पास ऐसी कोई सोच, दृष्टि, रास्ता या हल नजर नहीं आ रहा, जिससे राज्य के वित्तीय हालात सुधर सकें।
भाजपा की नीति कर्ज लेकर घी पीने की रही है। खुद मोदी सरकार के टनीति आयोगट ने 'फिस्कल हेल्थ इंडेक्स 2025' जारी कर वित्तीय प्रबंधन व आर्थिक कुशलता में 18 राज्यों में हरियाणा की भाजपा सरकार को 14वें नंबर पर माना है। हरियाणा अब बिहार और उत्तर प्रदेश से भी पीछे है।
चुटकुले सुनाकर सरकार चला रहे नायब सैनी: सुरजेवाला
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि किसी भी राज्य में तरक्की के काम 'पूंजीगत खर्च' से ही किए जा सकते हैं। हरियाणा में 'पूंजीगत खर्च' जीएसडीपी का मात्र 1.4 प्रतिशत है।
हरियाणा सरकार बजट में तो दावा करती है कि वह बजट का 30 प्रतिशत 'पूंजीगत खर्च' करती करेगी, मगर असलियत में यह केवल 9 प्रतिशत ही रहता है। उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा के बाहर और भीतर दोनों स्थानों पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चुटकुले सुनाकर ही सरकार चला रहे हैं।

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