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    हरियाणा शीतकालीन सत्र: BJP से ज्यादा कांग्रेस विधायकों को मिला सदन में बोलने का मौका, कुल 16 विधेयक हुए पास

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 04:54 PM (IST)

    हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में, विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कांग्रेस को पर्याप्त समय नहीं देने के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि ...और पढ़ें

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    हरियाणा विधानसभा में BJP से ज्यादा कांग्रेस विधायकों को मिला मौका। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को बोलने का पर्याप्त समय नहीं दिए जाने के आरोपों को नकारते हुए विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने तथ्यों के साथ स्थिति स्पष्ट की है।

    पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आरोपों से परे विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि सत्र में भाजपा से ज्यादा कांग्रेस विधायकों को अपनी बात रखने का मौका मिला। साथ ही महिला मार्शलों को थप्पड़ दिखातीं कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल के वायरल वीडियो पर कहा कि सभी को मर्यादित आचरण करना चाहिए। 

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    विधानसभा सचिवालय में शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में हरविन्द्र कल्याण ने बताया कि शीतकालीन सत्र में जनता से जुड़े विषयों पर चर्चा के अलावा कुल 16 विधेयक पारित किए गए। चुनाव सुधार से उत्पन्न हुई स्थिति और वंदे मातरम् जैसे राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई।

    तीन दिन में आयोजित चार बैठकों में कुल 23 घंटे 45 मिनट कार्यवाही चली, जिसकी कार्य उत्पादकता 100 प्रतिशत से अधिक रही। सत्र के दौरान सभी 74 विधायकों ने शिरकत की। इसके अलावा मुख्यमंत्री, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मंत्रियों की संख्या अलग से है।

    विधायकों की ओर से अध्यादेशों को निरस्त करने तथा संशोधन के नोटिस प्राप्त हुए। विपक्ष की ओर से उठाए गए प्रत्येक विषय पर किसी न किसी रूप में चर्चा की गई। शून्यकाल की कार्यवाही कुल तीन घंटे 18 मिनट चली। इसमें 70 सदस्यों ने हिस्सा लिया, जिनमें कांग्रेस के 33 सदस्य 94 मिनट तक बोले। भाजपा के 32 सदस्यों ने 91 मिनट तक अपनी बात रखी।

    इनेलो के दो सदस्यों ने छह मिनट तथा तीन निर्दलीय विधायकों ने सात मिनट तक बात रखी। प्रश्नकाल में 81 तारांकित प्रश्न स्वीकृत किए गए। ड्रा की प्रक्रिया के बाद 47 प्रश्नों के मौखिक जवाब दिए गए। इनमें कांग्रेस के 22, भाजपा के 14, इनेलो के दो तथा दो निर्दलीय विधायकों के प्रश्न थे। 30 अतारांकित प्रश्न स्वीकृत हुए, जिनके जवाब सदन पटल पर दिए गए।

    चुनाव सुधारों से उत्पन्न स्थित पर चर्चा के दौरान पर बार-बार चेतावनी देने के बाद कांग्रेस के नौ सदस्यों को नेम किया गया। हालांकि मामला शांत होते ही मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आग्रह पर उन्हें वापस बुला लिया गया।

    विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष द्वारा आपत्ति जताई गई थी कि चुनाव सुधारों पर चर्चा नहीं की जा सकती। नियमों में स्पष्ट है कि प्रदेश के अंदर कोई ऐसी स्थिति बन जाती जो लोगों को भ्रमित करे तो उस पर सदन में चर्चा की जा सकती है और हमने उस पर चर्चा की। एसवाईएल मामले को लेकर कई बार ऐसा किया जा चुका है।

    1058 लोगों ने देखी विधानसभा

    सत्र के दौरान कुल 1058 दर्शक विधान सभा देखने पहुंचे, जिनमें 588 विद्यार्थी, 201 स्पीकर गैलरी और 269 दर्शक दीर्घा में थे। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि कांग्रेस के 33 विधायकों की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चार घंटे 40 मिनट चली चर्चा में 17 विधायकों ने भाग लिया।

    कांग्रेस के आठ विधायकों ने 87 मिनट तक तो भाजपा के छह सदस्य 69 मिनट बोले। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 109 मिनट में जवाब दिया। इनेलो के दो सदस्य 15 मिनट बोले।