हरियाणा में कानून निर्माण में AI का इस्तेमाल, CM नायब सैनी ने कहा- 'पारदर्शी शासन के लिए सरल ड्राफ्टिंग जरूरी'
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा है कि राज्य में कानून बनाने के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने विधानसभा में विधायी प्रारूपण पर आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में यह बात कही। सैनी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य पारदर्शी और जवाबदेह शासन मॉडल बनाना है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सरल भाषा में ड्राफ्टिंग लोकतंत्र को मजबूत करेगी।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। अब कानून बनाने में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) का प्रयोग किया जाएगा। विधायी ड्राफ्टिंग में भी आधुनिकता और नवाचार की जरूरत है। ड्राफ्ट बनाते समय भविष्य की चुनौतियों और तकनीकी बदलावों का ध्यान भी रखना होगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा और संविधान एवं संसदीय अध्ययन संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विधायी प्रारूपण पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन कहा कि विधायी ड्राफ्ट कोई साधारण प्रक्रिया नहीं है।
इसमें संविधान की मूल भावना, न्यायपालिका के दिशा-निर्देश, कार्यपालिका की जरूरतें और सबसे महत्वपूर्ण जनता की आकांक्षाएं, इन सबका संतुलन बैठाना होता है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि विधानसभा में बनने वाले प्रत्येक कानून में संविधान की आत्मा झलके। सामाजिक न्याय, समानता और समावेशिता हर विधेयक का आधार बने।
ई-विधान, डिजिटलीकरण और पारदर्शिता की दिशा में हरियाणा विधानसभा देश की अग्रणी विधानसभाओं में गिनी जाती है। अब विधायी ड्राफ्टिंग पर यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष यूटी खादर फरीद, हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण और उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण लाल मिढा के साथ मंच साझा कर रहे मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की विधायी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं उदाहरण बन रही हैं। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है कि हम अपनी विधायी ड्राफ्टिंग को उच्चतम स्तर का बनाएं।
आज का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। यहां न केवल मसौदा तैयार करने की तकनीकी बारीकियों को समझेंगे, बल्कि आप कानूनी, नैतिक और संवैधानिक सिद्धांतों के साथ-साथ नवीनतम तकनीकों जैसे कि एआइ के उपयोग के बारे में भी जानेंगे। हरियाणा सरकार का पारदर्शी और जवाबदेह शासन मॉडल बनाने का लक्ष्य है।
हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि विधायी ड्राफ्टिंग में भाषा ऐसी हो कि कोई भी नागरिक पढ़कर साफ-साफ समझ सकें कि उसमें क्या लिखा है। आज हम जिस डिजिटल युग में जी रहे हैं, वो तेज परिवर्तनों का दौर है। आने वाले समय में हमारी ड्राफ्टिंग न केवल संविधान की भावना को, बल्कि लोकतंत्र को भी और सशक्त बनाएगी।
उन्होंने विश्वास जताया कि इस कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान और अनुभव हम सभी को बेहतर लोकतांत्रिक सेवक बनाने में सहायक सिद्ध होगी। हमारी यह सहभागिता हरियाणा की शासन व्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेगी।
विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण लाल मिढा ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में आज राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली के सहयोग से डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्स इन लेजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग का शुभारंभ किया गया है। यह कोर्स एक दीर्घकालिक दृष्टि प्रस्तुत करता है जो विधायी अधिकारियों व कर्मचारियों की क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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