हांसी-डबवाली, मानेसर और गोहाना बनेंगे जिला? उपमंडल व तहसील बनाने की दिशा में भी सरकार ने बढ़ाए कदम; कमेटी गठित
हरियाणा में नए जिले उपमंडल तहसील और उप-तहसील बनाने की कवायद फिर से शुरू हो गई है। कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता में कमेटी गठित हुई है जिसमें शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा राजस्व मंत्री विपुल गोयल और कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा शामिल हैं। कमेटी को तीन महीने में रिपोर्ट देनी होगी। असंध हांसी डबवाली मानेसर और गोहाना को जिला बनाने पर विचार चल रहा है।

सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा में नए जिले, उपमंडल, तहसील और उप-तहसील बनाने के लिए फिर से कवायद शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार ने मंत्रियों की कमेटी बनाई है जो तीन महीने में जिला, तहसील और कस्बों की प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव पर अपनी रिपोर्ट देगी।
विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता में गठित कमेटी में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, राजस्व मंत्री विपुल गोयल और कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा को शामिल किया गया है।
वित्तायुक्त राजस्व और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने नई कमेटी के गठन को लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। जरूरत पड़ी तो कुछ विधायकों को भी कमेटी में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा वित्तायुक्त राजस्व तथा विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव रिपोर्ट तैयार करने में कमेटी की मदद करेंगे।
जून में कैबिनेट मंत्री कंवर पाल की अध्यक्षता में बनी थी कमेटी
इससे पहले जून में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री कंवर पाल गुर्जर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी, जिसमें जय प्रकाश दलाल, महिपाल ढांडा और सुभाष सुधा शामिल थे। कंवर पाल गुर्जर, जेपी दलाल और सुभाष सुधा चुनाव हार गए, जिसके चलते सरकार को कमेटी का पुनर्गठन करना पड़ा है।
करनाल के असंध, हिसार के हांसी, सिरसा के डबवाली, गुरुग्राम के मानेसर और सोनीपत के गोहाना को लंबे समय से जिला बनाने की मांग चली आ रही है।
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हांसी और डबवाली फिलहाल पुलिस जिले हैं। इसलिए इनके सामान्य जिले बनने में कोई अधिक बाधा नहीं है। इसी तरह भिवानी के बवानी खेड़ा और रोहतक के कलानौर को उपमंडल बनाने की मांग लंबे समय से विचाराधीन है।
पिछले साल दिसंबर में बनाए गए थे छह नए उपमंडल
प्रदेश में आखिरी बार पिछले साल दिसंबर में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की कमेटी की सिफारिश पर छह नए उपमंडल बनाए गए थे। इनमें मानेसर (गुरुग्राम), नीलोखेड़ी (करनाल), इसराना (पानीपत), छछरौली (यमुनानगर), नांगल चौधरी (महेंद्रगढ़) और जुलाना (जींद) शामिल हैं।
तब बवानी खेड़ा और कलानौर को उपमंडल बनाने का भी प्रस्ताव था, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया। उससे पहले मनोहर सरकार की पहली पारी में तत्कालीन कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिश पर अंबाला कैंट, बाढड़ा, बड़खल, नारनौंद, बादली, उचाना, घरोंडा, पुन्हाना और रादौर को उपमंडल बनाया गया था।
इसके अलावा 10 नई तहसीलें और तीन नई उप-तहसीलें भी बनाई गईं। इसी तरह 2017 में तावड़ू और 2018 में लाडवा को उपमंडल का दर्जा दिया गया था।
जनगणना के बाद ही प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव संभव
प्रदेश में जनगणना का काम पूरा होने के बाद ही प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव संभव हो सकेगा। जनवरी के पहले सप्ताह में जनगणना शुरू होनी है। जनगणना का काम पूरा होने तक प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव पर रोक लगाई हुई है।
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