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    हरियाणा पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बढ़ाई सुरक्षा, किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन की नहीं मिली अनुमति

    Updated: Thu, 05 Dec 2024 06:06 PM (IST)

    हरियाणा पुलिस ने अंबाला के शंभू और जींद के खनौरी बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है। किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली है इसलिए उन्हें हरियाणा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। किसान नेता दिल्ली में जंतर-मंतर या रामलीला मैदान पर धरना देना चाहते हैं लेकिन वर्तमान में संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पानीपत में कार्यक्रम है।

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    Farmers Protest: किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन की नहीं मिली अनुमति

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। अंबाला में संधू और जींद में खनौरी बॉर्डर पर जमे किसानों को हरियाणा में एंट्री नहीं मिलेगी। शुक्रवार को दिल्ली कूच पर अड़े आंदोलनरत किसानों को दिल्ली में धरने-प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली है। इसे देखते हुए हरियाणा पुलिस ने दोनों बॉर्डर पर सख्ती बढ़ाते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है।

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    गृह सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने किसान नेताओं का आह्वान किया कि वे सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के समक्ष अपनी बात रखें, ताकि कोई समाधान निकल सके। दिल्ली में किसानों को प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलने के कारण हम उन्हें आगे नहीं जाने दे सकते।

    धारा 144 के लगे नोटिस

    किसानों के दिल्ली कूच को लेकर हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर धारा 163 (पहले धारा 144) के नोटिस चिपका दिए हैं। अंबाला के उपायुक्त द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि किसानों को दिल्ली पुलिस से अनुमति मिलने के बाद ही आगे बढ़ने की अनुमति मिल पाएगी।

    अंबाला में धारा 163 लागू होने के कारण पांच या इससे अधिक लोगों के इकट्ठे होने पर रोक रहेगी। अंबाला पुलिस ने शंभू बार्डर से करीब 500 मीटर की दूरी पर फिर से पक्की बैरिकेडिंग शुरू कर दी है।

    'जंतर-मंतर या रामलीला मैदान पर देना चाहत हैं धरना'

    किसान नेता दिल्ली में जंतर-मंतर या रामलीला मैदान पर धरना देना चाहते हैं। चूंकि वर्तमान में संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, ऐसे में किसानों के प्रदर्शन से शांति व्यवस्था भंग होने और कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के चलते किसान संगठनों को दिल्ली पुलिस ने धरने-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है।

    इसके अलावा नौ दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पानीपत में कार्यक्रम है, जिसमें वह बीमा सखी योजना का शुभारंभ करेंगे। पैदल मार्च की जिद पर अड़े किसानों के आगे बढ़ने की स्थिति में इस कार्यक्रम में खलल पड़ने की आशंका है।

    ऐसे में सरकार किसानों को आगे बढ़ने की छूट देकर कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी खुद पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।

    खुफिया एजेंसियों को स्थिति बिगड़ने का खतरा

    खुफिया एजेंसियां भी आंदोलनरत किसानों को लेकर प्रतिकूल रिपोर्ट दे चुकी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक किसानों को पैदल मार्च की अनुमति दी गई तो वे रास्ते में उग्र हो सकते हैं।

    हरियाणा में उन्हें रोकने पर वे जगह-जगह पक्का धरना भी लगा सकते हैं, जिससे प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। इसके अलावा उनके पैदल मार्च में हरियाणा के किसान भी शामिल हो गए तो स्थिति और बिगड़ जाएगी। इसलिए पंजाब के आंदोलनरत किसानों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

    पंजाब की ओर से आने वाली सभी वाहनों पर नजर

    खनौरी और शंभू बार्डर पर 24 घंटे नजर रखने के लिए पुलिस के जवानों की स्पेशल ड्यूटी लगाई गई है। पंजाब की ओर से आने वाले हर वाहन की न केवल सघन चेकिंग की जा रही है, बल्कि ट्रैक्टर की एंट्री को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

    अंबाला सहित जीटी रोड पर पड़ने वाले सभी जिलों और दिल्ली से लगते जिलों की पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा गया है। सभी जिलों में अतिरिक्त पुलिस की तैनाती की गई है। चेकिंग से यातायात का दबाव बढ़ने की स्थिति में पुलिस की ओर से वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।

    किसानों का दिल्ली कूच बड़ी चुनौती: गृह सचिव

    हमारे लिए किसानों का दिल्ली कूच सबसे बड़ी चुनौती है। हम किसानों से अपील करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जो कमेटी बनाई हुई है,उसमें किसान प्रतिनिधि शामिल हों और अपनी बात रखें। कमेटी की रिपोर्ट पर ही आगे नीति बनेगी। किसानों को दिल्ली की ओर से धरने प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई है।

    -डॉ. सुमिता मिश्रा, गृह सचिव

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