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    हरियाणा में बेटियों वाली सरपंच बनेंगी ब्रांड अंबेसडर, लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए उठाया जाएगा कदम

    हरियाणा में जिन महिला सरपंचों के केवल बेटियां हैं उन्हें लिंगानुपात सुधारने के लिए ब्रांड अंबेसडर बनाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने हर जिले से पांच-पांच ऐसे सरपंचों की पहचान करना का निर्देश दिया है। लैंगिक समानता के महत्व और लिंगानुपात में सुधार की आवश्यकता के बारे में समुदायों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता वैन चलाई जाएगी। इसके साथ ही महिलाओं को जागरूर कपने के लिए फिल्म भी दिखाई जाएंगी।

    By Suprabha Saxena Edited By: Suprabha Saxena Updated: Wed, 19 Mar 2025 09:03 AM (IST)
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    हरियाणा में जिन महिला सरपंचों की सिर्फ बेटियां हैं उन्हें बनाया जाएगा ब्रांड अंबेसडर

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में जिन महिला सरपंचों की सिर्फ बेटियां हैं, उन्हें लिंगानुपात सुधारने के लिए ब्रांड अंबेसडर बनाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने प्रत्येक जिले से पांच-पांच ऐसे सरपंचों की पहचान करने का निर्देश दिया है।

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    इसके अलावा 104 हेल्पलाइन के माध्यम से केवल एक बेटी वाले परिवारों के लिए परामर्श सत्र आयोजित किए जाएंगे। स्वास्थ्य सचिव ने मंगलवार को स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ मनीष बंसल को निर्देश दिया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) अनुसार लिंगानुपात विश्लेषण करें। खराब प्रदर्शन करने वाले सीएचसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

    चलाई जाएगी जागरुकता वैन

    स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास तथा खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक में जन्म के समय लिंगानुपात में और सुधार लाने के लिए लागू किए जा रहे विभिन्न उपायों की प्रगति की समीक्षा की गई।

    स्वास्थ्य सचिव ने महिला एवं बाल विकास विभाग को राज्य में लिंगानुपात को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियों को बढ़ाने का भी निर्देश दिया। लैंगिक समानता के महत्व और लिंगानुपात में सुधार की आवश्यकता के बारे में समुदायों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता वैन चलाई जाएगी।

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    जागरूक करने के लिए दिखाई जाएंगी फिल्में

    उन्होंने राज्य भर के सिनेमाघरों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पहल के बारे में लघु फिल्में दिखाने का सुझाव दिया। बालिका के जन्म का जश्न मनाने के लिए कुआं पूजा जैसी प्रथाओं को भी बढ़ावा दिया जाएगा।

    सुधीर राजपाल ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भधारण की बेहतर ट्रैकिंग की आवश्यकता पर बल देते हुए निर्देश दिया कि प्रत्येक गर्भावस्था को प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य (आरसीएच) पोर्टल पर प्रथम तिमाही में पंजीकृत किया जाना चाहिए। यदि पंजीकरण नहीं हुआ है, तो संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) से विशेष अनुमति लेकर ही इसकी अनुमति दी जानी चाहिए।

    गर्भधारण का पंजीकरण न करने में किसी भी लापरवाही के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) केंद्रों का निरीक्षण करने पर जोर देते हुए अधिकारियों को कहा कि वे लिंग निर्धारण के अवैध कार्य में शामिल ऐसे केंद्रों पर छापेमारी को तेज करें।

    बीएएमएस चिकित्सकों की निगरानी के लिए आयुष विभाग को भी शामिल किया जाना चाहिए। एमटीपी किट की ऑनलाइन और ऑफलाइन बिक्री की प्रगति रिपोर्ट सीएमओ के साथ साझा करें। एमटीपी किट केवल पंजीकृत स्थानों पर ही रखी जाएं।

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