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    हरियाणा पंचायत चुनाव में आसान नहीं रिजर्वेशन, पिछड़ा वर्ग A और B के लिए ये रहेगा आरक्षण का गणित

    Updated: Tue, 25 Feb 2025 07:16 PM (IST)

    Haryana Reservation News हरियाणा पंचायत चुनाव में अनुसूचित जाति पिछड़ा वर्ग-ए और पिछड़ा वर्ग-बी (Group A and B Reservation) के लिए आरक्षण नियमों में बदलाव किया गया है। अब अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित सीटें रिक्त रहने पर ही पिछड़ा वर्ग-ए और पिछड़ा वर्ग-बी को आरक्षण मिलेगा। इस बदलाव से पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर होने वाले विवादों में कमी आएगी।

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    हरियाणा में पंचायत चुनाव में आसान नहीं वर्ग A और c के लिए रिजर्वेशन (जागरण - ग्राफिक्स)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में पंचायतों, ब्लॉक समितियों और जिला परिषदों में अनुसूचित जातियों (एससी) के लिए आरक्षित सीटें रिक्त रहने पर ही पिछड़ा वर्ग-ए (बीसी-ए) और पिछड़ा वर्ग-बी (बीसी-बी) को आरक्षण मिल सकेगा।

    अगर किसी पंचायती राज संस्था में 50 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो जाती हैं तो वहां बीसी-ए और बीसी-बी को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। आरक्षण में दूसरे नंबर पर बीसी-ए को प्राथमिकता मिलेगी। एससी और बीसी-ए वर्ग के प्रत्याशियों को मिलाकर भी आरक्षित सीटें 50 प्रतिशत से कम रह जाती हैं तो बीसी-बी के लोगों को आरक्षण दिया जाएगा।

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    आरक्षण को लेकर नियम 2025 लागू

    विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल ने हरियाणा पंचायती राज निर्वाचन नियम-1994 को संशोधित करते हुए हरियाणा पंचायती राज निर्वाचन (संशोधन) नियम-2025 लागू कर दिए हैं।

    संशोधित नियमों में स्पष्ट किया गया है कि अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित वार्ड के अवधारण के बाद ही पिछड़ा वर्ग-ए के लिए आरक्षित किए जाने वाले वार्ड या वार्डों का अवधारण किया जाएगा। अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित वार्डों को पिछड़ा वर्ग-ए के लिए वार्डों के अवधारण हेतु निकाले जाने वाले ड्रॉ से बाहर रखा जाएगा।

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    क्या है आरक्षण का गणित

    इसी तरह अनुसूचित जातियों और पिछड़ा वर्ग-ए के लिए आरक्षित वार्ड के अवधारण के बाद ही पिछड़ा वर्ग-बी के लिए आरक्षित किए जाने वाले वार्ड या वार्डों का अवधारण किया जाएगा। अनुसूचित जातियों और पिछड़ा वर्ग-ए के लिए आरक्षित वार्डों को पिछड़ा वर्ग-बी के लिए वार्डों के अवधारण हेतु निकाले जाने वाले ड्रॉ से बाहर रखा जाएगा।

    प्रदेश में पंच-सरपंचों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग-ए और पिछड़ा वर्ग-बी के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं। अनुसूचित जाति के पर्याप्त उम्मीदवार न होने की स्थिति में बीसी-ए को आठ प्रतिशत और बीसी-बी को पांच प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।

    गौरतलब है कि कुछ समय पहले प्रदेश में अनुसूचित जातियों (Haryana SC Reservation 2025) को लेकर बड़ा बदलाव हुआ था। दरअसल, प्रदेश में अनुसूचित जातियों की दो कैटगिरी बनाई गई। नवंबर, 2024 को प्रदेश में अनुसूचित जातियों को दो कैटगिरी में बांटा गया था। पहली अन्य अनुसूचित जातियां और दूसरी वंचित अनुसूचित जातियां (डीएससी)।

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