हरियाणा सरकार ने OBC को दिया बड़ा तोहफा, पंचायतों और स्थानीय निकायों में मिलेगा 5% आरक्षण
हरियाणा में अब पंच-सरपंचों पंचायत समितियों और जिला परिषदों में पिछड़ा वर्ग-ए (बीसी-ए) की तरह पिछड़ा वर्ग-बी (बीसी-बी) को भी आरक्षण दिया जाएगा। बीसी-ए को 8% और बीसी-बी को 5% आरक्षण मिलेगा। इससे बीसी-बी को स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं में अधिक भागीदारी और अधिकार मिलेंगे। पहले ही नगर निगम नगर परिषद और नगर पालिकाओं में बीसी-बी के लिए पांच प्रतिशत सीटें आरक्षित की जा चुकी हैं।

सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा में अब पंच-सरपंचों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों में पिछड़ा वर्ग-ए (बीसी-ए) की तरह पिछड़ा वर्ग-बी (बीसी-बी) को भी आरक्षण दिया जाएगा। हालांकि बीसी-ए को जहां आठ प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, वहीं बीसी-बी को पांच प्रतिशत आरक्षण से काम चलाना होगा। नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाओं में पहले ही बीसी-बी के लिए पांच प्रतिशत सीटें आरक्षित की जा चुकी हैं।
हरियाणा पंचायती राज संशोधन अधिनियम-2024 लागू
विधि तथा विधायी विभाग की प्रशासकीय सचिव रितु गर्ग ने हरियाणा पंचायती राज संशोधन अधिनियम-2024 को लागू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। अब स्थानीय निकायों के साथ ही भविष्य में पंचायती राज संस्थाओं में सभी पदों के लिए होने वाले चुनाव में बीसी-बी के प्रत्याशियों को पांच प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।
प्रदेश में बीसी-ए की 18.93 प्रतिशत और बीसी-बी की 15.05 प्रतिशत आबादी है। आरक्षण के नियमों में बदलाव से अब बीसी (बी) को स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं में और अधिक भागीदारी तथा अधिकार मिलेंगे। इससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे समाज के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे।
एससी और बीसी-ए के लिए 50 प्रतिशत सीटें
इस साल 34 स्थानीय निकायों के चुनाव होने हैं, जिनमें से अधिकतर में बीसी-बी के लिए वार्ड आरक्षित किए जा चुके हैं। पंचायती राज संस्थाओं की बात करें तो प्रदेश में वर्ष 2027-27 में पंच-सरपंचों, पंचायत समिति सदस्यों और जिला परिषद सदस्यों के चुनाव होंगे जिनमें बीसी-बी को आरक्षण मिल पाएगा।
हालांकि इससे पहले अगर किसी पंचायती राज संस्था में उपचुनाव की नौबत आती है तो आरक्षण का नया नियम लागू होगा। किसी भी पंचायत में बीसी-बी की दो प्रतिशत आबादी होने पर पंचायत सदस्य की एक सीट इस वर्ग के लिए आरक्षित होगी। पंचायत में एससी और बीसी-ए के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित होने की स्थिति में बीसी-बी को आरक्षण नहीं मिल पाएगा।
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अवैध अप्रवास रोकने के लिए कानून बनाएगी सरकार
हरियाणा में अवैध अप्रवास (इमीग्रेशन) रोकने को लेकर सरकार बेहद गंभीर है। गृह और पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अवैध तरीके से विदेश में जाने और वहां से आने वालों पर रोक लगाने, अवैध घुसपैठियों, बांग्लादेशियों और रोहिंग्या मुसलमानों पर रोक लगाने की दिशा में पुलिस को कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि हरियाणा सरकार अवैध अप्रवास (इमीग्रेशन) रोकने के लिए फरवरी-मार्च में आरंभ होने वाले बजट सत्र में कानून बनाएगी।
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