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    हरियाणा: सीएम सैनी का किसानों को तोहफा, बिजली बिल स्थगित करने को साथ फसली ऋण वसूली पर रोक; 2386 परिवारों को 4.72 करोड़ का मुआवजा

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 03:06 PM (IST)

    मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों को राहत देते हुए बिजली बिलों का भुगतान स्थगित किया और फसली ऋण वसूली पर रोक लगाई। क्षतिग्रस्त मकानों और मृत पशुओं के लिए 2386 परिवारों को 4.72 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए। ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर पंजीकृत किसानों को 15 हजार रुपये प्रति एकड़ तक मुआवजा मिलेगा।

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    हरियाणा में जलभराव से प्रभावित किसानों को सरकार से मिली बड़ी राहत (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति से प्रभावित किसानों को बड़ी राहत देते हुए ट्यूबवेल कनेक्शनों के बिजली बिलों का भुगतान दिसंबर तक स्थगित करने की घोषणा की है। विगत जुलाई तक देय बिल अब अगले साल जनवरी तक बिना अतिरिक्त शुल्क अदा किए जा सकेंगे। इससे सात लाख दस हजार किसानों को लाभ मिलेगा।

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    हरियाणा निवास में बुधवार को विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार, सहकारिता मंत्री डा. अरविंद शर्मा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी और विधायक रणधीर पनिहार के साथ मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने फसली ऋण की वसूली स्थगित करने की भी घोषणा की।

    जिन गांवों में बाढ़ से 50 प्रतिशत से अधिक फसलों का नुकसान हुआ है और वहां के ऋणी किसानों का फसल खराबा 33 प्रतिशत या उससे अधिक हुआ है, उन किसानों से सहकारी समितियों के खरीफ सीजन के चालू फसली ऋण की वसूली स्थगित की जाती है। ऐसे किसानों को रबी सीजन की फसल हेतु नया फसली ऋण भी उपलब्ध करवाया जाएगा। इस निर्णय से लगभग तीन लाख किसान लाभान्वित होंगे।

    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भारी वर्षा और जलभराव से क्षतिग्रस्त मकानों, घरेलू सामान को नुकसान और मतृक पशुओं के लिए प्रभावित 2386 परिवारों को कुल चार करोड़ 72 लाख छह हजार रुपये बैंक खातों में हस्तांतरित किए। कुल 2371 मकानों को नुकसान हुआ था, जिसके लिए चार करोड़ 67 लाख 75 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई है।

    इसी तरह 13 पशुओं की मौत पर चार लाख 21 हजार रुपये दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने 15 सितंबर तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला था। इस पर 6397 गांवों के पांच लाख 37 हजार किसानों ने 31 लाख एकड़ क्षेत्र का पंजीकरण कराया है। सत्यापन कार्य प्रगति पर है। जिन क्षेत्रों में पानी से फसलें खराब हुई हैं, वहां प्रति एकड़ 15 हजार रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा।

    मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 30 सितंबर तक पांच लाख टन धान की आवक हुई है। इसमें से 3.58 लाख टन की खरीद पूरी हो चुकी है। किसानों के खातों में 109 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। इसी तरह 187 टन बाजरा सरकारी खरीद एजेंसियों और 4970 टन व्यापारियों द्वारा खरीदा गया है। किसानों को 2,775 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।

    राज्य की खरीद संस्थाओं द्वारा जिस भाव से बाजरा खरीदा जा रहा है, उससे शेष की भरपाई सरकार करेगी। यदि किसी किसान का बाजरा किसी कारण खराब होने की वजह से व्यापारियों द्वारा कम मूल्य पर खरीदा जाता है, तो उस स्थिति में भी सरकार किसानों को उस दिन की निर्धारित भावांतर दर की राशि का भुगतान किया जायेगा।