Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हरियाणा: कांग्रेस विधायकों को इस बार भी अपना नेता मिलना संभव नहीं, हाईकमान के पाले में गेंद; उदयभान को जीवन दान

    हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है लेकिन कांग्रेस विधायक अभी भी बिना विपक्ष के नेता के हैं। कांग्रेस नेतृत्व ने अभी तक इस पर कोई संकेत नहीं दिया है कि विधायक दल के नेता का चयन कब होगा। इस देरी से कांग्रेस को विधानसभा में सत्ता पक्ष की हंसी का पात्र बनना पड़ सकता है और कांग्रेस विधायकों का मनोबल भी गिर सकता है।

    By Anurag Aggarwa Edited By: Sushil Kumar Updated: Thu, 06 Mar 2025 05:24 PM (IST)
    Hero Image
    भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला। फाइल फोटो

    अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार से आरंभ हो रहा है, मगर इस बजट सत्र में भी कांग्रेस विधायक बिना विपक्ष के नेता के बैठे दिखाई दे सकते हैं। कांग्रेस नेतृत्व ने अभी ऐसे कोई संकेत नहीं दिए हैं, जिनसे विधायकों को यह भरोसा हो सके कि विधायक दल के नेता का चयन आजकल में हो जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष को बदलने का मामला भी कुछ दिनों तक ठंडा रह सकता है। कांग्रेस के नये प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने राज्य के करीब 50 प्रमुख नेताओं से वन-टू-वन चर्चा करने के बाद अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को सौंप दी है। अक्टूबर 2024 से विपक्ष के नेता के चयन का मामला लटका हुआ है।

    कांग्रेस विधायकों का गिरेगा मनोबल

    कांग्रेस प्रभारी की इस रिपोर्ट पर अब खरगे और राहुल को फैसला लेना है। विधानसभा के बजट सत्र से पहले गुरुवार को चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायकों की बैठक बिना विधायक दल के नेता की हुई। हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने यह बैठक ली।

    हालांकि, विपक्ष के पूर्व नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी इस बैठक में विधायक के नाते शामिल हुए, लेकिन शाम पांच बजे के बाद हुई इस बैठक से पहले उम्मीद की जा रही थी कि कांग्रेस नेतृत्व विधायक दल के नेता का नाम घोषित कर देगा। मगर ऐसा नहीं हो पाया।

    यदि शुक्रवार तक भी कांग्रेस विधायक दल के नेता का नाम घोषित नहीं हुआ तो कांग्रेस को न केवल विधानसभा में सत्ता पक्ष की हंसी का पात्र बनना पड़ेगा, बल्कि कांग्रेस विधायकों का मनोबल भी गिर चुका होगा।

    हाईकमान करेगा फैसला

    कांग्रेस विधायक दल का नेता ही विधानसभा में विपक्ष का नेता होगा। राज्य में कांग्रेस के 37 विधायक चुनकर आए हैं। इनमें अधिकतर विधायक पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थक हैं, लेकिन बीरेंद्र सिंह, कैप्टन अजय यादव, कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला, सुरेश गुप्ता और रामकिशन गुर्जर समर्थक कुछ नेता नहीं चाहते कि हुड्डा को विधायक दल का नेता बनाया जाए।

    हुड्डा समर्थक दो से तीन विधायक भी इस हक में नहीं हैं, लेकिन अधिकतर हुड्डा समर्थक विधायकों की राय है कि कांग्रेस को हुड्डा की अनदेखी कर किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहिए। कांग्रेस नेतृत्व को भी लगता है कि हुड्डा के बिना पार्टी को हरियाणा में नुकसान होगा, लेकिन वह हुड्डा विरोधी नेताओं को भी नाराज करने के हक में नहीं है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगता जा चुका है।

    सात मिनट की बैठक एक झटके में हो गई खत्म

    कांग्रेस प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने बुधवार को नई दिल्ली में हरियाणा के नेताओं की जो बैठक ली, वह सिर्फ सात मिनट चली है। कांग्रेस नेता यह कहते हुए बैठक से बाहर आए कि ऐसी मीटिंग उन्होंने आज तक नहीं देखी, जिसमें सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने नये प्रभारी के सामने यह दावा किया कि हमारे वोट बैंक में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

    सात मिनट की इस बैठक के बाद बीके हरिप्रसाद से हरियाणा के कांग्रेसी अलग-अलग मिले। कुछ नेता ग्रुप में भी मिले तो सैलजा और सुरजेवाला बिना मिले चले गये, जिन्होंने बाद में प्रभारी से फोन पर बात कर अपनी राय दी।

    सभी नेताओं से रायशुमारी के बाद हरिप्रसाद ने अपनी रिपोर्ट राहुल गांधी को भेज दी है, जबकि सह प्रभारी जितेंद्र बघेल और प्रफुल्ल ने कांग्रेस संगठन के बारे में अपनी रिपोर्ट हाईकमान को दी है।

    प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान को मिला नया जीवन दान

    हरियाणा कांग्रेस के मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान को फिलहाल जीवन दान मिलता दिखाई दे रहा है। माना जा रहा है कि फिलहाल उन्हें अध्यक्ष पद से नहीं हटाया जा रहा है। न ही राज्य में कांग्रेस का प्रदेश व जिला स्तरीय संगठन बनने वाला है।

    कांग्रेस की ओर से लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए जो जिला प्रभारी बनाए गए थे, उन्हीं से संगठन का काम चलाया जाने वाला है। प्रदेश कांग्रेस का संगठन पिछले लगभग 11 वर्षों से लटका हुआ है।

    अब कांग्रेस नेतृत्व को फैसला करना है

    हरियाणा के नेताओं से मेरी मुलाकात और बातचीत हो गई है। सभी के मन की बात मैंने जान ली-सुन ली। सबसे बहुत ही खुले माहौल में बातचीत हुई है। मैंने अपनी रिपोर्ट पार्टी के अध्यक्ष और राहुल गांधी को सौंप दी है। अब उन्हें फैसला करना है।

    घोषणा कब तक होगी, इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता। मैं होली के बाद प्रदेश के दौरे पर निकलूंगा। तब बाकी कार्यकर्ताओं से बात करूंगा। - बीके हरिप्रसाद, प्रभारी हरियाणा कांग्रेस

    यह भी पढ़ें- हरियाणा: 'पार्टी प्रत्याशी को वोट मिले या नहीं, चुनाव जीतेगा'; मंत्री के बयान से सियासत गरम, HC ने दिया बड़ा आदेश