बजरंग पूनिया पर प्रतिबंध के बाद गरमाई हरियाणा की राजनीति, कृष्ण बेदी बोले- यह हमारे लिए निंदनीय, खेल के साथ किया धोखा
हरियाणा के पहलवान बजरंग पूनिया पर चार साल के प्रतिबंध के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई है। कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने बजरंग पूनिया और कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट पर हमला बोला है। बजरंग पूनिया ने कहा कि उन्होंने कभी डोप टेस्ट देने से मना नहीं किया लेकिन नाडा की टीम एक्सपायर किट से उनका टेस्ट लेना चाहती थी।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा हरियाणा के पहलवान बजरंग पूनिया पर चार साल के लिए प्रतिबंध लगाए जाने के बाद हरियाणा का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने न केवल बजरंग पूनिया पर हमला बोला, बल्कि जुलाना की कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट को भी लपेट लिया।
बजरंग पुनिया अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष हैं। विधानसभा चुनाव से पहले बजरंग और विनेश कांग्रेस में शामिल हो गये थे। बजरंग पूनिया ने कहा कि मैंने कभी डोप टेस्ट देने से मना नहीं किया। नाडा की टीम एक्सपायर किट से मेरा टेस्ट लेना चाहती थी, जिसका मैंने विरोध किया था।
'बजरंग पूनिया पर बैन लगाना निंदनीय'
डोप टेस्ट के सैंपल देने से इन्कार किए जाने पर नाडा ने बजरंग पूनिया पर चार साल के लिए प्रतिबंध लगाया है। इस घटनाक्रम के बाद हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि बजरंग पूनिया को नाडा जैसी प्रतिष्ठित एजेंसी का सम्मान करना चाहिए। नाडा द्वारा पूनिया पर बैन लगाया जाना हमारे लिए निंदनीय है। बेदी ने कहा कि विनेश या बजरंग जिस भी क्षेत्र में रहे हैं कभी उसका सम्मान नहीं किया।
कृष्ण बेदी का विनेश फोगाट पर हमला
कृष्ण बेदी ने कहा कि बजरंग ने नाडा के कहने पर डोप टेस्ट के लिए सैंपल न देकर अपने खेल के साथ धोखा किया है। यह लोग किस तरह से एजेंसी को ठेंगा दिखाते हैं अब सबके सामने आ गया है।
वहीं, कांग्रेस पार्टी की विधायक विनेश फोगाट को लोगों ने उनकी आवाज विधानसभा में उठाने के लिए विजयी बनाया था। चुनाव जीतने के बाद विनेश फोगाट न तो हलके में गई और न ही विधानसभा के सत्र में एक दिन के लिए आई।
एक तरफ भाजपा और पूरा प्रदेश संविधान दिवस मना रहा है और दूसरी ये लोग संविधान का पालन भी नहीं कर रहे हैं। विनेश फोगाट हरियाणा की पहली ऐसी विधायक होंगी जिसके महज एक माह के भीतर ही गुमशुदगी के पोस्टर हलके में लग गए हैं।
मैंने डोप टेस्ट देने से कभी मना नहीं किया- बजरंग
यह चार साल का प्रतिबंध मेरे खिलाफ व्यक्तिगत द्वेष और राजनीतिक साजिश का परिणाम है। मेरे खिलाफ यह कार्रवाई उस आंदोलन का बदला लेने के लिए की गई है, जो हमने महिला पहलवानों के समर्थन में चलाया था। उस आंदोलन में हमने अन्याय और शोषण के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी। मैंने कभी डोपिंग टेस्ट से मना नहीं किया।
नाडा की टीम के पास डोप किट एक्सपायर थी। मैंने उनसे कहा कि आप मान्य और सही किट लेकर आएं। यह मेरे स्वास्थ्य की सुरक्षा और करियर के लिए भी उपयुक्त था। लेकिन इसे योजनाबद्ध तरीके से मेरे विरुद्ध हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया।
फेडरेशन और सरकार ने मेरे करियर को खत्म करने की चाल चली है।प्रतिबंध के मुझे मकसद यह है कि मैं समस्त अन्याय चुपचाप सहता रहूं। चाहे मुझे जिंदगी भर के लिए निलंबित कर दिया जाए, लेकिन अन्याय के विरुद्ध आवाजा बंद नहीं होगी। मैं इस फैसले के विरुद्ध अपील करूंगा और अपने हक के लिए आखिर तक लड़ता रहूंगा।
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