लोग बेहाल...कारोबार ठप...आमदनी जीरो, 9 महीने से बंद है शंभू बॉर्डर; अरबों का हो चुका है नुकसान
किसानों के आंदोलन की वजह से शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पिछले नौ महीनों से बंद है जिससे व्यापार ठप हो गया है और अरबों रुपये का नुकसान हो चुका है। किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान के बाद एक बार फिर बॉर्डर पर हलचल बढ़ गई है। जानिए इस सीमावर्ती क्षेत्र में क्या हो रहा है और लोगों पर इसका क्या असर पड़ रहा है।

जागरण संवाददाता, अंबाला शहर। हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) नौ माह से सील है। नेशनल हाईवे से निकलने वाले करीब 1.25 करोड़ वाहन चालकों के लिए बॉर्डर बंद होना आफत बन गया, जिसके चलते दूसरे रास्तों से आवाजाही तो हुई लेकिन इन रास्तों पर जाम भी झेलना पड़ रहा है।
अब 6 दिसंबर को किसानों को दिल्ली कूच का एलान होने के कारण एक बार फिर मंगलवार को बॉर्डर पर पंजाब की तरफ हलचल की गई। बार्डर पर कंकरीट की दीवार पर हथौड़ा चला लेकिन कुछ देर बाद ही रोक दिया गया। एसपी का कहना है इसे तोड़ा नहीं जा रहा।
अभी भी डटे हैं पंजाब के किसान
दूसरी ओर पंजाब के किसान अभी भी डटे हुए हैं। हालांकि अभी तय नहीं हुआ कि शंभू बॉर्डर किसानों के पैदल निकलने के लिए खोला जाएगा या नहीं। बॉर्डर बंद होने से टोल प्लाजा सुनसान है। दूर-दूर तक हरियाणा पुलिस या फोर्स के जवान ही दिखाई दे रहे हैं। आमजन और अन्य वाहनों के निकलने पर पाबंदी है।
नेशनल हाईवे को इन पांच माह में 120 करोड़ का नुकसान हो चुका है। हरियाणा सीमा पर करीब चार कंपनियां पैरामिलिट्री फोर्स की है, जबकि हरियाणा पुलिस के भी लगभग इतने ही जवान डटे हैं। दूसरी ओर पंजाब की ओर किसान बैठे हुए हैं, जो दिल्ली कूच को लेकर रास्ता खुलने का इंतजार कर रहे हैं।
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टोल को 120 करोड़ का लग चुका है फटका
शंभू बॉर्डर के पास ही टोल प्लाजा भी लगा हुआ है। इस टोल से रोजाना चौपहिया वाहन 60 से 65 हजार निकलते हैं। इसके अलावा दोपहिया वाहनों की संख्या भी कम नहीं है, लेकिन वे टोल नहीं देते।
इन नौ माह में टोल को करीब 120 करोड़ का फटका लग चुका है। टोल बंद होने के कारण दूसरे रास्तों से आवागमन करना मजबूरी बन गया है। एक ओर लंबा रास्ता और दूसरी ओर पेट्रोल व डीजल को लेकर भी खर्च बढ़ रहा है।
कारोबार ठप, जनता बेहाल
शंभू बॉर्डर सील होने के कारण कारोबार पर भी बड़ा असर पड़ा है। पंजाब से अंबाला सटा होने के कारण अंबाला शहर में खरीददारी करने आते हैं। खासकर जिन लोगों के परिवार में शादी समारोह या फिर अन्य बड़ा आयोजन होता है, तो इसके लिए अंबाला शहर ही खरीददारी का विकल्प चुनते हैं।
सोना, कपड़ा की खरीददारी काफी बड़े पैमाने पर होती है। इतना ही नहीं हाईवे पर (बैरियर के आसपास) जो ढाबे, पेट्रोल पंप, शराब ठेकों पर भी इसका असर पड़ा है। आवाजाही बंद होने के कारण यह सब लगभग ठप पड़ा है।
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