हरियाणा: सरकार से बिना सेनापति लड़ेंगे कांग्रेस विधायक, 20 मिनट में निपट गई बैठक; हुड्डा ने नहीं की ज्यादा चर्चा
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र से पहले कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मायूसी का माहौल रहा। हाईकमान द्वारा विपक्ष के नेता के नाम की घोषणा नहीं किए जाने से विधायक निराश थे। बिना नेता के विधानसभा में बैठना पड़ेगा। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि बिना सेनापति सेना की हालत कैसी होती है यह सिर्फ महसूस किया जा सकता है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र से एक दिन पहले गुरुवार को हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मायूसी छायी रही। कांग्रेस विधायक इस बात से मायूस थे कि हाईकमान ने विपक्ष के नेता के नाम की घोषणा नहीं की।
नतीजतन कांग्रेस विधायकों को शुक्रवार को बजट सत्र के दौरान विधानसभा में बिना अपने नेता के बैठना पड़ेगा। कांग्रेस विधायकों का मानना था कि बिना सेनापति सेना की हालत कैसी होती है, यह सिर्फ महसूस किया जा सकता है। कांग्रेस भी शुक्रवार को विधानसभा में कुछ ऐसी ही स्थिति में रहेगी।
अधिकतर विधायकों के चेहरे पर दिखाई दी मायूसी
हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने गुरुवार को शाम पांच बजे विधायक दल की बैठक बुलाई थी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी इस बैठक में शामिल हुए। एक दिन पहले बुधवार को हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने राज्य के प्रमुख कांग्रेस नेताओं के साथ संगठन बनाने तथा विपक्ष के नेता के नाम पर चर्चा के लिए विचार विमर्श किया था।
कांग्रेस विधायकों को लग रहा था कि हाईकमान की ओर से गुरुवार शाम को होने वाली बैठक से पहले-पहले नेता का नाम घोषित कर दिया जाएगा, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो विधायकों को बिना नेता के ही यह बैठक करनी पड़ी। कांग्रेस के अधिकतर विधायकों के चेहरे पर मायूसी दिखाई दी। हुड्डा ने भी अपने विधायकों को ज्यादा दिशा निर्देश नहीं दिए।
बैठक में नहीं पहुंचे कई विधायक
चौधरी उदयभान ने जरूर विधायकों से कहा कि उन्हें कौन-कौन से मुद्दे उठाने हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने विधायकों को सलाह दी कि वे राज्य सरकार द्वारा सरकारी विभागों का बजट पूरा खर्च नहीं कर पाने, राज्य पर बढ़ रहे कर्ज, बेसहारा पशुओं की बढ़ती संख्या, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और चोर रास्ते से सरकारी नौकरियों की भर्ती के मुद्दे जरूर उठाएं।
कर्मचारियों और व्यापारियों के साथ किसानों के मुद्दे उठाने की सलाह चौधरी उदयभान ने दी है। करीब 20 मिनट के बाद ही यह बैठक खत्म हो गई। बैठक में मामन खान और चंद्रमोहन बिश्नोई समेत पांच विधायक नहीं पहुंचे, लेकिन उन्होंने फोन कर इसकी सूचना प्रदेश अध्यक्ष को दे दी थी।
विधायक इस बात से हैरान थे कि कांग्रेस के पास आज चर्चा के लिए पर्याप्त समय है, लेकिन विषय नहीं हैं। कांग्रेस प्रभारी बीके हरिप्रसाद के साथ हुई कांग्रेस विधायकों की मीटिंग भी सिर्फ सात मिनट में खत्म हो गई। कांग्रेस विधायकों की यह मायूसी विधानसभा में बजट सत्र के दौरान देखने को मिल सकती है।
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