हरियाणा में भूमि रिकॉर्ड प्रणाली होगी अपडेट, लोगों को आसानी से मिलेंगे संपत्ति के दस्तावेज
हरियाणा सरकार भूमि रिकॉर्ड प्रणाली को अपडेट करने जा रही है जिससे नागरिकों को संपत्ति के दस्तावेज आसानी से मिल सकेंगे। 90% रिकॉर्ड डिजिटल हो चुका है जिसे 100% करने का लक्ष्य है। एक समर्पित डेटा सेंटर स्थापित किया जाएगा और कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस सुधार से भूमि संबंधी विवादों में कमी आएगी।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में भूमि प्रणाली को अपडेट किया जाएगा। इससे आमजन को आसानी से संपत्ति के दस्तावेज मिल सकेंगे। हरियाणा राजस्व आयोग ने मंगलवार को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल के समक्ष अपनी रिपोर्ट रखी जिसमें पूरी प्रक्रिया को यूजर फ्रेंडली बनाने का सुझाव दिया गया है।
विपुल गोयल ने भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन की स्थिति और इसके डिजिटलीकरण की समीक्षा करते हुए कहा कि भूमि रिकॉर्ड प्रणाली को व्यापार सुगमता (ईज आफ डूइंग बिजनेस) के अनुरूप किया जाए। बैठक में बताया गया कि 90 प्रतिशत भूमि का रिकॉर्ड डिजिटल किया जा चुका है, जिसे जल्द ही 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य है।
डिजिटल रिकॉर्ड से भूमि से संबंधित विवादों में कमी आएगी और नागरिक आनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी संपत्ति के दस्तावेज आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि एक समर्पित डाटा सेंटर बनाया जाए जो डिजिटल भूमि रिकॉर्ड को सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से संग्रहीत करे।
यह सेंटर विभिन्न विभागों के बीच डेटा एकीकरण को सुगम बनाएगा और एक सुरक्षित डाटाबेस के रूप में कार्य करेगा। डाटा सेंटर को अत्याधुनिक तकनीकों और साइबर सुरक्षा प्रोटोकाल से लैस किया जाए ताकि डेटा की गोपनीयता और अखंडता बनी रहे।
बैठक में राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डिजिटल रिकॉर्ड प्रबंधन, साफ्टवेयर उपयोग, डेटा एंट्री, और साइबर सुरक्षा जैसे विषय शामिल होंगे।
विशेष रूप से पटवारियों और उनके बाद के पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को डिजिटल टूल्स का उपयोग, भूमि सर्वेक्षण, रिकॉर्ड अपडेशन और नागरिक शिकायतों के समाधान जैसे पहलुओं के प्रति प्रशिक्षित किया जाएगा।
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