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    हरियाणा श्रम विभाग में फर्जी वर्क स्लिप घोटाले में बड़ी कार्रवाई, तीन इंस्पेक्टर सस्पेंड

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 03:49 PM (IST)

    हरियाणा के श्रम विभाग में वर्क स्लिप घोटाले में तीन श्रम निरीक्षक निलंबित कर दिए गए हैं। श्रम मंत्री अनिल विज के निर्देश पर यह कार्रवाई हुई है। जांच में पाया गया कि निरीक्षकों ने फर्जी वर्क सर्टिफिकेट मंजूर किए थे। विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आई है। मामले की पूरी जांच होने तक भुगतान पर रोक लगा दी गई है।

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    श्रम मंत्री अनिल विज की फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। श्रम विभाग में हुए फर्जी वर्क स्लिप घोटाले में प्रदेश सरकार ने तीन श्रम निरीक्षकों (लेबर इंस्पेक्टर) को निलंबित कर दिया है। इनमें बहादुरगढ़-झज्जर सर्किल-2 के श्रम निरीक्षक राज कुमार, सोनीपत सर्किल-2 के रोशन लाल और फरीदाबाद सर्किल-12 के धनराज शामिल हैं। मामले में पंचायत विभाग के कुछ आरोपित अधिकारियों को भी निलंबित करने की तैयारी है।

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    श्रम मंत्री अनिल विज के निर्देश पर श्रम आयुक्त डॉ. मनीराम शर्मा ने तीनों श्रम निरीक्षकों को निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं। यह आदेश करीब तीन माह तक चली जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर दिए गए हैं। दरअसल, अनिल विज की अध्यक्षता में 21 अप्रैल को सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की मीटिंग के दौरान यह वर्क स्लिप घोटाला सामने आया था। इसके बाद विज ने छह जिलों में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए जांच के आदेश दिए थे।

    अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच 11 लाख 96 हजार 759 श्रमिकों की 90 दिन की वर्क स्लिप का सत्यापन किया गया। हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के सचिव की जांच रिपोर्ट में तीनों अधिकारियों पर अगस्त 2023 से मार्च 2025 के बीच निर्माण स्थलों का वास्तव में दौरा किए बगैर फर्जी वर्क-सर्टिफिकेट मंजूर करने का आरोप है।

    जांच में सामने आया कि फर्जी सत्यापन का काम श्रम विभाग के निरीक्षकों और विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया था। जांच कमेटी द्वारा छह जिलों हिसार, कैथल, जींद, सिरसा, फरीदाबाद और भिवानी की तीन महीने (01 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025) के दौरान सत्यापित की गई वर्क स्लिपों की जांच की गई, जिसमें काफी अनियमितता पाई गई।

    इस अवधि के दौरान जिला हिसार के दौरान एक लाख 45 हजार 582 वर्क स्लिप का सत्यापन किया गया। ग्राम सचिव राजेंद्र सिंह ने अकेले ही 84 हजार 741 आवेदनों को इन तीन महीने में सत्यापित किया। इसी ग्राम सचिव द्वारा दो हजार 646 वर्क स्लिप एक दिन में सत्यापित की गई हैं। श्रम निरीक्षक फरीदाबाद द्वारा 2 हजार 702 वर्क स्लिप सत्यापित की गई है।

    श्रम विभाग के इंस्पेक्टर राज कुमार ने 44 हजार 168, रोशन लाल ने 51 हजार 748 और धन राज ने 35 हजार 128 वर्क-स्लिप/सर्टिफिकेट मंजूर किए थे। वहीं, विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव को पत्र लिखकर विभाग के आरोपित अधिकारियों को निलंबित करने के लिए पत्र लिखा गया है। श्रम निरीक्षकों पर महाधिवक्ता की राय लेकर आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। जब तक इस मामले की पूरी जांच रिपोर्ट नहीं आती, तब तक सभी तरह के भुगतान पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं।