हरियाणा में ग्रुप-डी के कर्मचारियों की चांदी, अब वर्दी के लिए मिलेंगे 5280 रुपए
Haryana Group D Jobs हरियाणा में अब ग्रुप डी के कर्मचारियों को 5280 रुपए वर्दी भत्ता के रूप में वार्षिक आधार पर दिए जाएंगे। वहीं दूसरी ओर अनुबंध पर कार्यरत कंप्यूटर शिक्षकों और लैब सहायकों के सरकार ने चार महीने के मानदेय के लिए 24 करोड़ रुपये जारी किए हैं जिससे सितंबर अक्टूबर नवंबर और दिसंबर का मानदेय जारी किया जा सकेगा।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana हरियाणा में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अब वर्दी भत्ता किस्तों में मिलने की बजाय एक साथ मिलेगा। वर्तमान में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वर्दी भत्ते के रूप में हर महीने 440 रुपये वेतन के साथ दिए जा रहे हैं।
नए वित्तीय वर्ष में वर्दी का बिल देने पर वार्षिक आधार पर 5280 रुपये तक का भुगतान इन कर्मचारियों को एक साथ किया जाएगा। मुख्य सचिव की ओर से इस संबंध में सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
दो महीने का रुका हुआ वेतन होगा जारी
वहीं, सरकारी स्कूलों में अनुबंध पर कार्यरत करीब चार कंप्यूटर शिक्षकों और लैब सहायकों को जल्द ही दो महीने का रुका हुआ मानदेय मिल जाएगा। शिक्षा विभाग ने चार महीने के मानदेय के लिए करीब 24 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिससे सितंबर, अक्टूर, नवंबर और दिसंबर का मानदेय जारी किया जा सकेगा। प्रदेश में वर्तमान में 1907 कंप्यूटर शिक्षक और 2123 लैब सहायक कार्यरत हैं।
हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए जल्द जारी किया जाएगा नया शेड्यूल
चंडीगढ़ शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे युवाओं को हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एचटेट) के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। प्रदेश सरकार ने सात और आठ दिसंबर को होने वाली परीक्षा को स्थगित कर दिया है। एचटेट को लेकर जल्द ही नया शेड्यूल जारी किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग ने इस संबंध में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव को निर्देश जारी कर दिए हैं।
हालांकि, आदेशों में परीक्षा स्थगित करने का कोई कारण नहीं दिया गया है, लेकिन बताया जाता है कि शिक्षा बोर्ड में चेयरमैन की नियुक्ति नहीं होने के कारण परीक्षा को टाला गया है। लंबे समय से चेयरमैन की नियुक्ति लंबित है।
पांच डॉक्टरों की डिग्री फर्जी
हरियाणा में पांच डॉक्टरों की डिग्री और अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) फर्जी निकले हैं। हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने वाले इन डॉक्टरों का लाइसेंस रद करते हुए पुलिस में एफआइआर दर्ज कराने को कहा है।
हरियाणा मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. मनदीप सचेदवा ने बताया कि डॉ. प्रवेश कुमार और शत्रुघन यादव की एनओसी की जांच मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल से कराई गई, जो फर्जी निकली। इसी तरह डॉ. अंकित त्यागी और डॉ. प्रदीप कुमार जयसवाल की एनओसी को एमएमयू मुलाना ने फर्जी बताया है
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