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    Haryana News: डाक ढुलाई का टेंडर 63 लाख बढ़ा, सीबीआई तक पहुंची जांच; लोकपाल के आदेशों के बाद हिलीं फाइलें

    Updated: Fri, 29 Nov 2024 10:28 AM (IST)

    अंबाला में डाक सामग्री ढुलाई के टेंडर में 63 लाख की बढ़ोतरी से बवाल मच गया है। लोकपाल को दी शिकायत में आरोप लगाए गए जहां पहले टेंडर 1.04 करोड़ का था वहीं यह टेंडर 1.67 करोड़ कर दिया गया। पुराना टेंडर 10 लाख 01 हजार 057 रुपये बताया गया जबकि नया टेंडर 19 लाख 67 हजार का बताया गया।

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    डाक सामग्री ढुलाई में गड़बड़झाला से मचा बवाल, फाइल फोटो।

    दीपक बहल, अंबाला। प्रदेश में डाक सामग्री ढुलाई के टेंडर में 63 लाख की बढ़ोतरी अफसरों के गले की फांस बन गई। 1.04 करोड़ रुपये का टेंडर 1.67 करोड़ रुपये करने पर मामला भारत के लोकपाल से सीबीआइ की जांच तक पहुंच गया।

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    डाक विभाग में करीब 11 गाड़ियां एक जगह से दूसरी जगह स्पीड पोस्ट, पार्सल आदि ले जाने में लगी थीं, जिनका टेंडर बीच में ही रद कर दिया गया। बाद में लोकायुक्त के आदेश पर सीबीआइ ने जांच की, लेकिन गड़बड़झाला सामने नहीं आया। ऐसे में जो टेंडर रद किया गया, उसको सही मान लिया गया।

    हालांकि ठेकेदार का पक्ष था कि जांच के दौरान सीबीआइ ने उनसे कोई भी पूछताछ नहीं की। लोकपाल के फैसले में अफसरों को राहत मिल गई। मामले में अंबाला स्थिति चीफ पोस्टमास्टर जनरल (सीपीएमजी) कार्यालय में पूर्व सीपीएमजी समेत कई अफसरों पर आरोप लगाए गए थे। सीपीएमजी अंबाला और गुरुग्राम के अधिकारियों के बीच पत्राचार भी हुआ।

    कई मंडलों और सीपीएमजी कार्यालय के बीच पत्राचार

    मई 2023 में डाक विभाग में ढुलाई को लेकर सीपीएमजी अंबाला कार्यालय और गुरुग्राम मंडल के अधिकारियों के बीच पत्राचार हुआ था। पत्र में लिखा गया था कि 17 गाड़ियां टेंडर के माध्यम से चल रही है और 17 गाड़ियों के लिए टेंडर प्रक्रिया विचाराधीन है। यह भी लिखा गया था कि गाड़ियों को किराये पर लेने की प्रक्रिया में खामियां हैं।

    मंडल कार्यालय द्वारा पुराने टेंडर का विस्तार और नए टेंडर की प्रक्रिया के िलए प्रस्ताव या तो पुराने टेंडर समाप्त होने पर भेजा जाता है या टेंडर समाप्ति के बिलकुल करीब आने पर। आदेश दिए गए कि मंडल अध्यक्षों को सभी गाड़ियां केवल टेंडर के माध्यम से हो और स्थानीय क्रय समिति या स्थानीय व्यवस्था से बचा जाए।

    लोकायुक्त में इस तरह से टेंडरों की टेबल बनाकर दी

    लोकपाल को दी शिकायत में आरोप लगाए गए जहां पहले टेंडर 1.04 करोड़ का था, वहीं यह टेंडर 1.67 करोड़ कर दिया गया। पुराने और नए ठेके की सूची भी बनाई गई। सूची के अनुसार पुराना टेंडर 10 लाख 01 हजार 057 रुपये बताया गया, जबकि नया टेंडर 19 लाख 67 हजार का बताया गया। यह टेंडर गाड़ियों से डाक सामग्री की ढुलाई को लेकर है।

    इसी तरह दूसरा टेंडर 25 लाख 87 हजार का, जबकि इसी काे बढ़ाकर 29 लाख 99 हजार का बताया गया। तीसरा टेंडर 14 लाख 97 हजार से बढ़ाकर 29 लाख 49 हजार रुपये किया गया। चौथा टेंडर 11 लाख 52 हजार से बढ़ाकर 21 लाख 40 हजार, पांचवां टेंडर 9 लाख 61 हजार से बढ़ाकर 13 लाख 65 हजार , छठा टेंडर 13 लाख 79 हजार से बढ़ाकर 27 लाख 88 हजार, सातवां 18 लाख 30 हजार से बढ़ाकर 25 लाख 79 हजार किया गया। नए टेंडर से पहले विभाग की ओर से कांट्रेक्टर को नोटिस भी दिए, जिसके बाद उसने अपना पक्ष विभाग के सामने रखा।

    इस तरह लोकायुक्त ने दिया फैसला

    शिकायत डाक विभाग के तत्कालीन सीपीएमजी हरियाणा सर्कल, तत्कालीन वरिष्ठ अधीक्षक डाकघर (एसएसपीओ), गुरुग्राम डिवीजन और तत्कालीन अधीक्षक डाकघर (एसपीओ), सोनीपत डिवीजन के खिलाफ लाेकपाल को दी गई थी। इसी पर कार्रवाई हुई।

    बाद में जांच सीबीआइ को सौंप दी गई थी। विभाग के अधिकारियों द्वारा जो पक्ष रखा गया था, उस पर लोकपाल ने सहमति जताते हुए मामले का निपटारा कर दिया था। इस दौरान टेंडर में वृद्धि क्यों की गई है, इसको लेकर भी पक्ष रखा गया था। इसके बाद लोकपाल की फुल बेंच ने अफसरों को राहत दे दी थी।

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