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    हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, अब एकीकृत पेंशन योजना का मिलेगा लाभ; OPS नहीं होगी लागू

    Updated: Sun, 18 May 2025 07:11 PM (IST)

    हरियाणा सरकार ने स्पष्ट किया है कि राज्य के कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) लागू रहेगी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) नहीं। यूपीएस में 25 साल की सेवा के बाद औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। सरकार ने कर्मचारी संगठनों के दबाव को अस्वीकार कर दिया है।

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    हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों को एकीकृत पेंशन योजना का लाभ (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार अपने कर्मचारियों को एकीकृत पेंशन योजना (यूनिफाइड पेंशन स्कीम-यूपीएस) का ही लाभ प्रदान करेगी। केंद्र सरकार ने इस योजना को लागू किया है। राज्य के कर्मचारी संगठन पिछले लंबे समय से एकीकृत पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने का दबाव सरकार पर बना रहे हैं। हरियाणा सरकार ने इन कर्मचारी संगठनों का दबाव मानने से साफ मना कर दिया है और बजट में एकीकृत पेंशन योजना को लागू करने का प्रविधान किया है।

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    क्या है एकीकृत पेंशन योजना?

    एकीकृत पेंशन योजना (यूनिफाइड पेंशन स्कीम-यूपीएस) सुनिश्चित पेंशन भुगतान की गारंटी देती है। यह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की जगह लेगी। यूपीएस में कर्मचारियों को 25 साल की सेवा के बाद उनके औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता है।

    पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के तहत आमतौर पर अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत कर्मचारियों को पेंशन के रूप में मिलने का प्रविधान है। इसके अलावा महंगाई के हिसाब से भी पेंशन में बदलाव किया जाता रहा है। साल 2003 में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) समाप्त होने के बाद से ही यह सरकारी कर्मचारियों के लिए अहम मुद्दा रहा है।

    2004 में केंद्र सरकार नई पेंशन योजना (एनपीएस) लेकर आई थी, जिसका कर्मचारी संगठनों ने भारी विरोध किया। अब सरकार एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) लेकर आई है, जिसका कई कर्मचारी संगठन समर्थन कर रहे हैं तो कुछ संगठन विरोध में उतरे हुए हैं।

    कैसे अलग है UPS और OPS

    एकीकृत पेंशन योजना और पुरानी पेंशन योजना दोनों में पेंशन तय करने का फार्मूला अलग है। ओपीएस में पेंशन अंतिम वेतन (मूल महंगाई भत्ता) की 50 फीसदी राशि होती है, जबकि यूपीएस में पेंशन आखिरी 12 माह के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी होती है।

    ओपीएस में कर्मचारी का अंशदान नहीं है, जबकि यूपीएस में 10 प्रतिशत अंशदान काटने का प्रविधान है। ओपीएस में आमतौर पर पेंशन महंगाई भत्ते के हिसाब से दो बार संशोधित होती है, लेकिन यूपीएस में पेंशन को महंगाई राहत (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) के साथ जोड़ा गया है।

    हरियाणा सरकार लागू करेगी UPS 

    हरियाणा सरकार ने स्पष्ट घोषणा कर दी है कि वह अपने सरकारी कर्मचारियों के लिए ओपीएस की बजाय यूपीएस (एकीकृत पेंशन योजना) की लागू करेगी। इस योजना के तहत कम से 10 हजार रुपये प्रतिमाह पेआउट तथा 30 प्रतिशत फैमिली पेआउट के रूप में दिया जाएगा।

    यह दोनों लाभ 10 वर्ष की न्यूनतम सेवा के उपरांत राज्य कर्मचारियों को मिल सकेंगे। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेआउट का पूरा लाभ 25 साल की सेवा के उपरांत मिलेगा। इस योजना का लाभ राज्य के सेवारत करीब सवा दो लाख कर्मचारियों को मिलने का दावा किया गया है।

    प्रदेश सरकार ने यूपीएस लागू करने का फैसला उस स्थिति में लिया है, जब कर्मचारी संगठनों के साथ कई दौर की बातचीत पूर्व में हो चुकी है तथा ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल कराने के लिए राज्य में संघर्ष समिति ने अपना आंदोलन छेड़ रखा है।

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