हरियाणा सरकार का पंचायतों को सशक्त बनाने का बड़ा फैसला, स्टांप ड्यूटी के राजस्व में मिलेगी हिस्सेदारी
हरियाणा सरकार ने पंचायतों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए स्टाम्प ड्यूटी से प्राप्त राजस्व का एक प्रतिशत हिस्सा देने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत ग्राम पंचायत पंचायत समिति और जिला परिषदों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिससे वे विकास कार्यों को स्वतंत्र रूप से कर सकें। सरकार का लक्ष्य पंचायतों को मजबूत बनाकर गांवों का विकास करना है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने पंचायतों को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए राजस्व का कुछ हिस्सा उन्हें देने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार को स्टांप ड्यूटी से प्राप्त कुल राजस्व का एक प्रतिशत हिस्सा पंचायती राज संस्थाओं को हस्तांतरित किया जाएगा। यह निर्णय राज्य की पंचायत व्यवस्था के मद्देनजर ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषदों को वित्तीय रूप से मजबूत बनाकर उन्हें अपने स्तर पर विकास कार्यों के संचालन में अधिक स्वायत्तता देगा।
हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया था, जिसे उन्होंने मंजूरी प्रदान कर दी है। इस स्टांप ड्यूटी में से ग्राम पंचायत को 0.5 प्रतिशत, पंचायत समिति को 0.25 प्रतिशत और जिला परिषद को 0.25 प्रतिशत राशि हस्तांतरित की जाएगी।
योजना के तहत पंचायती राज संस्थानों को 572.42 करोड़ रुपये की राशि को हस्तांतरित किए जाने का प्रस्ताव है। इनमें प्रदेश की 5388 ग्राम पंचायतों को 288.16 करोड़ रुपये, 142 पंचायत समितियों को 144.08 करोड़ रुपये तथा 22 जिला परिषदों को 140.18 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
पंचायत मंत्री ने बताया कि इससे पंचायती राज संस्थाओं को विकास कार्यों की योजना बनाने, उन्हें लागू करने और प्राथमिकता के अनुसार संसाधनों का उपयोग करने में अधिक स्वायत्तता और गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी सरकार ने अंतर जिला परिषदों का गठन कर पंचायतों को फंड ट्रांसफर की सुविधा दी थी, जिससे वे विभिन्न विभागों के कार्यों को स्वतंत्र रूप से संचालित कर सकें।
पंवार ने कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री मोदी के उस विजन का हिस्सा है, जिसमें गांवों की पंचायतों को सरकार का मजबूत स्तंभ बनाने की बात कही गई है। हाल ही में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रदेश की पंचायतों को 368 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दी गई थी। हमारा लक्ष्य स्पष्ट है, हर पंचायत सशक्त हो, हर गांव विकसित हो और हरियाणा समृद्धि की नई ऊंचाइयों को छुए।
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