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    Haryana News: बिल्डरों और कॉलोनाइजरों का ऑडिट CA से कराएगी सरकार, 15 दिनों के अंदर मांगे ऑनलाइन आवेदन

    By Sudhir Tanwar Edited By: Deepak Saxena
    Updated: Tue, 23 Jan 2024 06:53 PM (IST)

    बिल्डरों और कॉलोनाइजरों के नफे-नुकसान का हिसाब अब चार्टेड अकाउंटेंट से सरकार कराएगी। सभी लाइसेंसियों के खातों का ऑडिट कराया जाएगा। वहीं बुनियादी ढांचे के विस्तार शुल्क के भुगतान से बिल्डर छूट मांग रहे हैं। नगर एवं आयोजना विभाग ने सीए फर्मों का पैनल बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए हरियाणा से जुड़ी फर्मों से 15 दिन के अंदर ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं।

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    बिल्डरों और कॉलोनाइजरों का ऑडिट CA से कराएगी सरकार (प्रतीकात्मक इमेज)।

    सुधीर तंवर, चंडीगढ़। शहर और कस्बों में बुनियादी ढांचे के विस्तार शुल्क में छूट मांग रहे बिल्डरों और कॉलोनाइजरों के नफे-नुकसान का हिसाब अब सरकार चार्टेड अकाउंटेंट (सीए) से कराएगी। सभी लाइसेंसियों के खातों का ऑडिट कराया जाएगा जिसके लिए चार्टेड अकाउंटेंट की फर्मों का पैनल बनाया जाएगा।

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    नगर एवं आयोजना विभाग ने सीए फर्मों का पैनल बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए हरियाणा से जुड़ी फर्मों से 15 दिन के अंदर ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं, जिनका मुख्यालय दिल्ली-चंडीगढ़ सहित प्रदेश के किसी भी जिले में होना चाहिए। फर्म में एक या इससे अधिक साझेदार शामिल होने चाहिए। फर्म को न्यूनतम 25 वर्ष से अधिक का अनुभव होना चाहिए।

    सीएजी से रजिस्टर्ड होना जरूरी

    साथ ही फर्म को राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखाओं की लेखापरीक्षा करने के लिए भारत के सीएजी के साथ पंजीकृत होना चाहिए। फर्म का औसत सकल कारोबार पिछले तीन साल में न्यूनतम 45 लाख रुपये सालाना जरूर हो। सबूत के तौर पर बैलेंस शीट, आय और व्यय खाता और आयकर पावती पर्ची की प्रति प्रस्तुत करनी होगी।

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    ऑडिट में इन फर्मों को मिलेगी प्राथमिकता

    इसके अलावा लगातार तीन साल तक सेवा कर का भुगतान भी किया होना चाहिए। फर्म न्यूनतम तीन बैंकों से जुड़ी हो जिनका सालाना टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से अधिक का होना चाहिए। उन फर्मों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनके पास ऑडिट का पांच साल से अधिक का अनुभव है। नगर एवं आयोजना विभाग लाइसेंस धारकों के खातों का ऑडिट कराने के बाद ही बुनियादी ढांचे के विस्तार शुल्क छूट देने या नहीं देने का निर्णय लेगा।

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