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    हरियाणा के किसानों को मिला फसलों का मुआवजा, खाते में आए 52 करोड़ रुपये

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 09:35 PM (IST)

    हरियाणा सरकार ने ओलावृष्टि और भारी बारिश से रबी फसलों को हुए नुकसान के लिए 22617 किसानों के खातों में 52.14 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि जारी की है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल के साथ ‘क्षतिपूर्ति पोर्टल’ के माध्यम से एकत्रित आंकड़ों के आधार पर यह मुआवजा दिया।

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    प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में ओलावृष्टि और भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई रबी फसलों का मुआवजा प्रदेश सरकार ने जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बृहस्पतिवार को 22 हजार 617 लाभार्थी किसानों के खातों में 52 करोड़ 14 लाख रुपये की मुआवजा राशि डाल दी।

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    राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल के साथ विभाग की वेबसाइट शुरू करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि फसल नुकसान का आकलन ‘क्षतिपूर्ति पोर्टल‘ के माध्यम से एकत्रित आंकड़ों के आधार पर किया गया है।

    दिसंबर 2024 से मार्च 2025 के बीच विभिन्न अवसरों पर क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया था, जिस पर किसानों ने नुकसान दर्ज कराया। दावों का गहनता से आकलन और सत्यापन के बाद लगभग 57 हजार 485 एकड़ भूमि मुआवजे के लिए पात्र पाई गई।

    मूल्यांकन में 15 जिलों अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, मेवात, पलवल, रेवाड़ी, रोहतक और यमुनानगर को शामिल किया गया और प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए वित्तीय सहायता स्वीकृत की गई।

    फसल खराबे वाले जिलों में रेवाड़ी के किसानों को सबसे अधिक 19.92 करोड़ रुपये, महेंद्रगढ़ को 10.74 करोड़ रुपये, झज्जर को 8.33 करोड़ रुपये, गुरुग्राम को 4.07 करोड़ रुपये, चरखी दादरी को 3.67 करोड़ रुपये तथा भिवानी के किसानों को 2.24 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है।

    अन्य जिलों को उनके सत्यापित प्रभावित क्षेत्रों और पंजीकृत किसानों के आधार पर अलग-अलग राशि जारी की गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मुआवजे का उद्देश्य रबी सीजन के दौरान खराब मौसम के कारण हुए नुकसान से उबरने में किसानों की सहायता करना है।

    मुआवजे की राशि की गणना सत्यापित प्रभावित क्षेत्र के आधार पर और आपदा राहत के सरकारी मानदंडों के अनुसार की गई। दावों के सत्यापन और पात्र लाभार्थियों को शीघ्र धनराशि जारी करने में जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका रही।