Stubble Burning: पराली जलाने पर सजा और निपटारे पर मिलेगा इनाम, हरियाणा सरकार का 'नायाब कदम'
पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए हरियाणा सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। पराली जलाने पर जुर्माना और एफआईआर दर्ज कराने के साथ प्रबंधन करने वालों को इनाम भी मिलेगा। उपायुक्तों को नियंत्रण कक्ष बनाने के निर्देश दिए गए हैं और पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को 1200 रुपये प्रति एकड़ मिलेंगे। सुधीर तंवर के अनुसार सरकार ने नोडल अधिकारियों और निगरानी टीमों का गठन किया है।

सुधीर तंवर, चंडीगढ़। पराली जलाने से हर साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने नंबरदारों और पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक की जवाबदेही तय कर दी है। इसके साथ ही पराली जलाने वाले किसान जहां दंडित होंगे वहीं प्रबंधन पर ‘इनाम’ भी मिलेगा। सभी उपायुक्तों को पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी के लिए नियंत्रण कक्ष बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को इस बार एक हजार रुपये प्रति एकड़ की जगह 1200 रुपये दिए जाएंगे। धान की कटाई के बाद पराली न जले, इसको लेकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग और राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के सुझाव पर व्यापक कार्ययोजना बनाई गई है। हर गांव में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो कहीं पर भी पराली जलाने की सूचना पर मौके पर पहुंचेंगे।
इसके अलावा कलस्टर, उपमंडल, जिला और मुख्यालय स्तर पर अधिकारियों की टीमें गठित की गई हैं जो नियमित रूप से संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा करेंगी। विशेषकर पिछले तीन साल में जिन गांवों में पराली जलाने के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं, उन पर विशेष नजर रहेगी। पराली जलाने के मामले में किसी भी असहज स्थिति से निपटने के लिए पुलिस की सहायता ली जाएगी। हर गांव के खेतों का नक्शा बनाकर 50 से ज्यादा किसानों के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
10 जिलों पर विशेष निगाह
इन दस जिलों में फतेहाबाद, जींद, कैथल, अंबाला, सिरसा, कुरुक्षेत्र, करनाल, हिसार, यमुनानगर और सोनीपत पर विशेष निगाह रहेगी, जहां पिछले साल सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए थे। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और हरियाणा स्पेस एप्लिकेशन सेंटर सैटेलाइट से निगरानी करेंगे।
दर्ज कराई जा सकती एफआईआर
फसल अवशेष जलाने पर जुर्माना के साथ एफआईआर तक दर्ज कराई जा सकती है। पांच एकड़ से अधिक जमीन वाले किसानों पर प्रति घटना 30 हजार रुपये, दो से पांच एकड़ जमीन वाले किसानों पर 10 हजार रुपये और इससे कम जमीन वाले किसानों पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
बार-बार फसल अवशेष जलाने पर न केवल एफआईआर दर्ज की जा सकती है, बल्कि किसान को अगले दो सीजन तक अपनी फसल बेचने से भी रोका दिया जाता है। राष्ट्रीय राजधानी से बाहर के दस जिलों में ईंट भट्टों में पराली से ही ईंटे पकानी होंगी।
50 % सब्सिडी पर कृषि उपकरण खरीद सकते किसान
किसान 50 प्रतिशत सब्सिडी पर फसल अवशेष मशीनें खरीद सकते हैं। शून्य पराली जलाने वाले ‘रेड जोन’ की पंचायतों को एक लाख रुपये और ‘येलो जोन’ की पंचायतों को 50 हजार रुपये का इनाम मिलेगा। अभी तक 24 हजार 230 किसानों ने फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए 41 हजार 195 मशीनें मांगी हैं।
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