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    हरियाणा सरकार की खुद शराब बेचने के मंसूबों में फंसा पेंच

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Tue, 27 Feb 2018 07:00 AM (IST)

    हरियाणा की कैबिनेट बैठक में बहुप्रतीक्षित आबकारी पॉलिसी नहीं आएगी। सीएम और कुछ मंत्री नहीं चाहते राज्य सरकार खुद कंपनी बनाकर शराब बेचे।

    हरियाणा सरकार की खुद शराब बेचने के मंसूबों में फंसा पेंच

    जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में सरकारी कंपनी बनाकर शराब बेचने का प्रस्ताव तैयार करने वाले अधिकारियों के मंसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल समेत कुछ मंत्री नई आबकारी नीति में कारपोरेशन (कंपनी) बनाने के हक में नहीं हैैं। उनकी दलील है कि सरकार यदि खुद की कंपनी बनाकर शराब बेचेगी तो देश भर में अच्छा संदेश नहीं जाएगा। ऐसे में राज्य की नई आबकारी पॉलिसी कुछ दिन और लटक गई है।

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    हरियाणा मंत्रिमंडल की मंगलवार को होने वाली बैठक में वर्ष 2018-19 की आबकारी नीति मंजूर होने की संभावना थी, लेकिन सोमवार देर शाम तक इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया। आबकारी मंत्री कैप्टन अभिमन्यु दिनभर अधिकारियों की बैठक लेते रहे। देर रात एजेंडा आया तो उसमें आबकारी पॉलिसी का बिंदु गायब था।

    हरियाणा सरकार अब 3 मार्च को फिर से कैबिनेट की बैठक बुलाकर आबकारी पॉलिसी को मंजूरी प्रदान कर सकती है। हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 5 मार्च से आरंभ हो रहा है। बजट 9 मार्च को आने की संभावना है। इसलिए सरकार को 5 मार्च से पहले आबकारी पॉलिसी को मंजूरी प्रदान करनी है। इस बार की पॉलिसी में राजस्व करीब साढ़े पांच हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया जा सकता है। शराब महंगी होने के पूरे आसार हैैं।

    हरियाणा की फिल्म नीति को भी अगली बैठक में मिलेगी मंजूरी

    हरियाणा सरकार की फिल्म नीति को भी अब अगली बैठक में ही मंजूरी मिल पाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वयं इस फिल्म नीति को तैयार कराने में अहम रुचि दिखाई है। दो दिन पहले ही मंत्री कविता जैन के कार्यालय से फाइल साइन होकर गई है। सीएम के मीडिया सलाहकार अमित आर्य समेत कई कलाकारों ने पिछले दिनों फिल्म नीति का प्रारूप तैयार करने के लिए मुंबई का दौरा भी किया।

    हरियाणवी फिल्में बनाने पर मिलेगा 50 फीसद अनुदान

    फिल्म नीति में सरकार हरियाणा की मौलिक सांस्कृतिक व आंचलिक पहचान को बढ़ावा देने वाली फिल्मों के निर्माण के लिए 50 फीसद तक अनुदान दे सकती है। कसी फिल्म के निर्माण पर यदि दो करोड़ रुपये खर्च होते हैं तो एक करोड़ रुपये सरकार अनुदान देगी। फिल्म नीति में हरियाणा में एक फिल्म विश्वविद्यालय भी विकसित करने का प्रावधान होगा।

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