कानून हाथ में लेने वाले विकास बराला को ही बना दिया लॉ अफसर, हरियाणा में नायब सरकार के फैसले पर विवाद
हरियाणा सरकार ने बीजेपी के पूर्व चीफ सुभाष बराला के बेटे विकास बराला (Vikas Barala) को सहायक महाधिवक्ता नियुक्त किया है जिससे विवाद उत्पन्न हो गया है। विकास बराला पर 2017 में वर्णिका कुंडू का पीछा करने का आरोप है और इस मामले में वे मुकदमे का सामना कर रहे हैं। उनकी नियुक्ति की घोषणा अन्य 80 नियुक्तियों के साथ की गई है।

एएनआई, पंचकूला। नायब सरकार ने हरियाणा बीजेपी के पूर्व चीफ सुभाष बराला के बेटे विकास बराला (Vikas Barala) को सहायक महाधिवकक्ता (AG) बनाया है।
सरकार के इस फैसले पर अब विवाद छिड़ गया है। दरअसल, विकास बराला एक मुकदमे का सामना कर रहे हैं, जिस कारण अब नायब सरकार की आलोचना की जा रही है। बराला साल 2017 में वर्णिका कुंडू को स्टॉक करने के मामले में कथित आरोपी है।
बराला की नियुक्ति की घोषणा उप महाधिवक्ता, अतिरिक्त महाधिवक्ता और अन्य सहायक महाधिवक्ता के पदों पर 80 से अधिक अन्य नियुक्तियों के साथ की गई। विकास बराला भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद और पार्टी के पूर्व हरियाणा प्रमुख सुभाष बराला के बेटे हैं।
विकास बराला पर साल 2017 में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की बेटी वर्णिका कुंडू का कथित तौर पर पीछा करने और अपहरण का प्रयास करने का आरोप है।
बराला को 11 जनवरी, 2018 को जमानत मिल गई थी और आज तक मुकदमा जारी है, इस पर कोई फैसला नहीं आया है है। मामले की सुनवाई जारी है और रिपोर्टों के अनुसार, मामले की अगली सुनवाई 2 अगस्त को है।
2014 से 18 के बीच में रहे अध्यक्ष
सुभाष बराला 2024 से हरियाणा का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्यसभा के सदस्य हैं। वह 2014-2020 तक हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष भी रहे। चार अगस्त, 2017 को हुई इस घटना ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया था। वर्णिका कुंडू ने विकास और उसके दोस्त पर चंडीगढ़ में आधी रात को उनकी कार का पीछा करने का आरोप लगाया था।
उसकी शिकायत के आधार पर दोनों लोगों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। आरोपियों को 9 अगस्त, 2017 को भारतीय दंड संहिता की धारा 365 (किसी व्यक्ति को गुप्त रूप से और गलत तरीके से बंधक बनाने के इरादे से अपहरण या अपहरण) और धारा 511 (दंडनीय अपराध करने का प्रयास) के तहत फिर से गिरफ्तार किया गया था।
हाई कोर्ट ने दी थी जमानत
चंडीगढ़ की अदालत ने 13 अक्टूबर, 2017 को बराला पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की बेटी का पीछा करने और अपहरण का प्रयास करने के आरोप तय किए थे। (आईपीसी)। जनवरी 2018 में, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने विकास बराला को जमानत दे दी थी।
जमानत पर रिहा होने के बाद, विकास ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि जब आपको पता होता है कि आप निर्दोष हैं और आपने कुछ भी गलत नहीं किया है, तो आपको किसी चीज का डर नहीं होता। ईश्वर में मेरी अटूट आस्था और अपने परिवार के सम्मान की चिंता ने मुझे हिरासत में बिताए पाँच महीनों में सहारा दिया।
(एएनआई इनपुट के साथ)
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