हरियाणा में बिजली दरों में बढ़ोतरी से उपभोक्ता परेशान, पॉलिसी में संशोधन की मांग, CM को लिखा पत्र
पंचकूला के उपभोक्ता संगठन बिजली दरों में बढ़ोतरी और नियमों में बदलाव से नाराज हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पॉलिसी में संशोधन की मांग की है। ...और पढ़ें

मिनिमम मासिक चार्ज का नाम हटाकर उसके स्थान पर फिक्स्ड चार्ज लागू करने का विरोध।
जागरण संवाददाता, पंचकूला। बिजली दरों में बढ़ोतरी और नियमों में किए गए बदलावों को लेकर उपभोक्ता संगठनों ने नाराजगी जताई है। इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पाॅलिसी में संशोधन की मांग की है।
कल्याण महासंघ के पूर्व महासचिव पंचकूला निवासी सुभाष पपनेजा ने पत्र में लिखा है कि मिनिमम मासिक चार्ज (एमएमसी) का नाम हटाकर उसके स्थान पर फिक्स्ड चार्ज लागू कर दिया गया है, जो पहले से अधिक आर्थिक बोझ डालता है।
वर्तमान व्यवस्था में 5 किलोवाट तक के कनेक्टेड लोड पर 50 रुपये प्रति किलोवाॅट प्रति माह और उससे ऊपर 75 रुपये प्रति किलोवाॅट प्रति माह फिक्स्ड चार्ज अनिवार्य कर दिया गया है। पहले यदि बिल की राशि एमएमसी से कम होती थी तो केवल अंतर ही लिया जाता था, जबकि अब उपभोक्ताओं को हर हाल में यह फिक्स्ड चार्ज देना पड़ रहा है।
पत्र में इसे समाप्ति नहीं, बल्कि नाम बदलकर चार्ज बढ़ाना करार देते हुए सरकार से इसे तुरंत ठीक करने की मांग की गई है। इसके साथ ही टैरिफ स्लैब सिस्टम में किए गए बदलावों पर भी गंभीर आपत्ति जताई गई है।
स्लैब सिस्टम को कनेक्टेड लोड से जोड़ना जरूरतमंद उपभोक्ताओं को मिलने वाली सब्सिडी की भावना के खिलाफ है। मीटर का 5 केवीए या उससे अधिक होना उपभोक्ता की आर्थिक क्षमता का पैमाना नहीं हो सकता। पहले बिजली खपत के आधार पर ही स्लैब तय होते थे, न कि कनेक्टेड लोड के आधार पर है।
उपभोक्ता पर कैसे बढ़ा बोझ, ऐसे समझें
223.41 यूनिट की समान खपत पर 5 केवीए तक के लोड वाले उपभोक्ता का बिल लगभग 962 रुपये आता है, जबकि 5 केवीए से अधिक लोड वाले उपभोक्ता को उसी खपत पर 2096 रुपये का बिल देना पड़ता है। यानी केवल कनेक्टेड लोड अधिक होने से 1134 रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।

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