हरियाणा के मौजूदा DGP मनोज यादव का जाना तय, अग्रवाल, मिश्रा और अकील के बीच दौड़
हरियाणा में डीजीपी मनोज कुमार यादव का इस पद से हटना लगभग तय है। सात आइपीएस अधिकारियों का पैनल गृह मंत्री की टेबल पर पहुंच चुका हैैै। केंद्र व हरियाणा दोनों ने दो साल के लिए मनोज यादव की नियुक्ति की थी।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के मौजूदा पुलिस महानिदेशक मनोज कुमार यादव का इस पद से हटना लगभग तय है। गृह विभाग की ओर से जहां सात सीनियर आइपीएस अधिकारियों का पैनल तैयार कर गृह मंत्री अनिल विज के पास भिजवा दिया गया है, वहीं गृह मंत्री ने डीजीपी की नियुक्ति संबंधी वह परिपत्र भी ढूंढवा लिया है, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से मनोज यादव की दो साल के लिए नियुक्ति का जिक्र है। हरियाणा सरकार ने भी अपने पुराने आदेश में डीजीपी के पद पर मनोज यादव की नियुक्ति दो साल के लिए की थी।
मनोज यादव को नया आदेश जारी कर एक्सटेंशन दी गई, जिस पर अनिल विज खफा हैं। अब डीजीपी के लिए तीन सीनियर आइपीएस अधिकारियों पीके अग्रवाल, आरसी मिश्रा और मोहम्मद अकील में टक्कर है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से नई दिल्ली में मुलाकात करने से ठीक पहले गृह मंत्री अनिल विज का वह पत्र लीक हुआ था, जो उन्होंने नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए पैनल तैयार करने हेतु गृह सचिव राजीव अरोड़ा को लिखा था।
यह भी पढ़ें: कैप्टन अमरिंदर सिंह के लंच में नहीं पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू, बाजवा की उपस्थिति ने सबको चौंकाया
इस पत्र में विज ने साफतौर पर कह दिया था कि यदि इस संबंध में किसी तरह की देरी हुई तो इसके जिम्मेदार गृह सचिव होंगे। सूत्रों का कहना है कि विज ने मनोज यादव को सेवा विस्तार देने का मुद्दा अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया। उनके बीच तकरार काफी समय से चली आ रही है। मौजूदा डीजीपी ने भी मानसिक रूप से अपने केंद्र में जाने की तैयारी शुरू कर दी है।
यह भी पढ़ें: आई लाइनर या मसकारे के छोटे से निशान से सुलझेगी अपराधों की गुत्थी, पीयू चंडीगढ़ के शोध ट्रायल में 95 फीसद नतीजे सही
सीनियर आइपीएस मनोज यादव पिछले दिनों ही केंद्र सरकार के साथ इंपेनल हुए हैं। लिहाजा वह दोबारा से केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जा सकते हैं। गृह सचिव की ओर से सात आइपीएस अधिकारियों का पैनल गृह मंत्री के पास पहुंच गया है। डीजीपी पद की दौड़ में 1984 बैच के एसएस देसवाल, 1986 बैच के केके सिंधु, 1988 बैच के पीके अग्रवाल, 1989 बैच के मोहम्मद अकील, इसी बैच के डा. आरसी मिश्रा, एडीजीपी शत्रुजीत कपूर, देशराज ङ्क्षसह, आलोक राय और एसके जैन के नाम शामिल हैं।
देसवाल और सिंघु की रिटायरमेंट 31 अगस्त को है। इस लिहाज से डीजीपी पद के प्रमुख मजबूत दावेदारों में पीके अग्रवाल, मोहम्मद अकील और डा. आरसी मिश्रा के बीच टक्कर है। लोक सेवा आयोग से पास होकर तीन अधिकारियों का नाम सरकार के पास पहुंचेगा, जिसमें से सरकार तय करेगी कि अगला डीजीपी कौन होगा।
यह भी पढ़ें: पंजाब में बंधक बनाकर युवती से नौ माह तक सामूहिक दुष्कर्म, शिअद नेता व तीन पुलिसकर्मियों पर लगे आरोप
गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि गृह विभाग की ओर से पैनल आ चुका है। अभी उन्होंने देखा नहीं है। यह साफ है कि मौजूदा डीजीपी की नियुक्ति केंद्र की ओर से भी और हरियाणा सरकार की ओर से भी दो साल के लिए हुई थी। ऐसे में उन्हें एक्सटेंशन नहीं दी जा सकती थी। लिहाजा नए अधिकारी को इस पद के लिए मौका मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि जल्द ही पैनल लोक सेवा आयोग को भेजा जाएगा। यह प्रक्रिया हालांकि नई नियुक्ति से तीन माह पहले पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन तकनीकी कारणों से यह देरी से शुरू हो रही है।