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    बगैर मान्यता के चल रहे कोचिंग सेंटरों पर सरकार का शिकंजा, संचालकों पर दर्ज होगी एफआईआर; देना होगा इतना जुर्माना

    हरियाणा सरकार ने बिना मान्यता के चल रहे कोचिंग सेंटरों (Coaching Centers in Haryana) पर सरकार सख्त कार्रवाई करने का फैसला लिया है। सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि वे तुरंत कार्रवाई करें और गैर-मान्यता प्राप्त सभी एकेडमी को बंद कराएं। वहीं नियमों को नहीं मानने पर एक लाख रुपए तक जुर्माना भी देना होगा।

    By Sudhir Tanwar Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sun, 08 Dec 2024 05:00 AM (IST)
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    अवैध रूप से चल रहे कोचिंग सेंटर्स पर सरकार सख्त (फाइल फोटो)

    सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा में बगैर मान्यता के चल रहे कोचिंग सेंटरों को लेकर सरकार सख्त हो गई है। अब अवैध कोचिंग सेंटरों को न केवल तुरंत प्रभाव से बंद किया जाएगा, बल्कि जिन भवनों में यह एकेडमी चल रही हैं, उन्हें जब्त भी कर लिया जाएगा। इसके अलावा एकेडमी संचालक और भवन मालिक के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कराई जाएगी।

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    जिला अधिकारियों समेत इन अधिकारियों को जारी हुए निर्देश

    प्रदेश में बगैर मान्यता के चल रहे कोचिंग संस्थानों को बंद कराने के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से एससीईआरटी गुरुग्राम के निदेशक, सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों, खंड शिक्षा अधिकारियों और मौलिक खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।

    शिक्षा निदेशक ने इस बात पर भी नाराजगी जताई है कि सरकार के बार-बार निर्देश के बावजूद अवैध कोचिंग संस्थानों के खिलाफ गंभीरता से कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए गैर मान्यता प्राप्त सभी एकेडमी को तुरंत बंद कराकर भवन जब्त करें और भवन मालिकों और एकेडमी संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।

    साथ ही अभी तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मुख्यालय में भेजें। शिक्षा निदेशालय के कड़े रूख के बाद विभिन्न जिलों में छापामारी अभियान शुरू हो गया है।

    निजी कोचिंग इंस्टीट्यूट के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी

    दरअसल प्रदेश सरकार ने विगत फरवरी में विधानसभा में हरियाणा निजी कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक पारित किया था, जिसके अनुसार सभी निजी कोचिंग इंस्टीट्यूट के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। बिना पंजीकरण के कोचिंग इंस्टीट्यूट नहीं चला सकते। इतना ही नहीं, छात्रों को बरगलाने के लिए कोचिंग संस्थान झूठे दावे भी नहीं कर सकते।

    सभी जिलों में उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई हैं, जिनमें पुलिस अधीक्षक, जिला नगर आयुक्त, जिला उच्चतर शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी और डीसी के अनुमोदन से एक लेखा अधिकारी शामिल हैं। साथ ही जिले में प्राइवेट इंस्टीट्यूट के प्रतिनिधियों में से दो को ड्रा के जरिये सदस्यों के तौर पर कमेटी में शामिल किया गया है।

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    नियमों का उल्लंघन पर एक लाख रुपये तक जुर्माना

    प्रदेश में एमबीबीएस, नीट, आईआइटी-जेईई सहित विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों के अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवा रहे इन कोचिंग इंस्टीट्यूट में ट्यूशन फीस पर भी सरकार का कंट्रोल रहेगा।

    नियमानुसार किसी भी इंस्टीट्यूट को रजिस्ट्रेशन के साथ कुल विद्यार्थियों की संख्या के अलावा बैच वार विद्यार्थियों का ब्योरा, बिल्डिंग में उपलब्ध सुविधाओं सहित सभी प्रकार की जानकारी सरकार को देनी अनिवार्य है।

    नियमों का उल्लंघन करने पर संस्थानों के खिलाफ 25 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रविधान है। बार-बार उल्लंघन करने पर कोचिंग इंस्टीट्यूट का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

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