Haryana Civic Elections: नायब सरकार का हाईकोर्ट में दावा, 4 जनवरी से पहले होगी चुनाव की घोषणा; एक महीने में संपन्न
Haryana Civic Elections हरियाणा में शहरी निकाय चुनाव जल्द होने की संभावना है। राज्य सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में भरोसा दिलाया है कि चार जनवरी से पहले चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी जाएगी और चार फरवरी तक चुनाव संपन्न करा दिए जाएंगे। राज्य में लंबित सभी नगर निकाय चुनाव चार फरवरी तक पूरे होने की उम्मीद है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। प्रदेश में शहरी निकाय चुनाव जल्दी होने की संभावना बढ़ गई है। प्रदेश सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक केस की सुनवाई के दौरान भरोसा दिलाया है कि चार जनवरी से पहले चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर दी जाएगी और चार फरवरी तक चुनाव संपन्न करा दिए जाएंगे। प्रदेश सरकार द्वारा हाई कोर्ट में दिलाए गए इस भरोसे पर यकीन करें तो राज्य में शहरी निकाय चुनाव की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी।
हरियाणा सरकार द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में दिए गए आश्वासन के अनुसार राज्य में स्थानीय निकायों के चुनाव कराने के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा एक महीने के भीतर निश्चित रूप से कर दी जाएगी।
राज्य ने हाई कोर्ट को जानकारी दी है कि परिणामों की घोषणा के लिए अंतत पूरी प्रक्रिया एक महीने के भीतर पूरी कर ली जाएगी। राज्य द्वारा आश्वासन एक याचिका के जवाब में दिया गया, जिसमें नगर निकाय चुनाव कराने के निर्देश मांगे गए थे। इसके साथ ही राज्य में लंबित सभी नगर निकाय चुनाव चार फरवरी तक पूरे होने की उम्मीद है।
नगर निगम चुनाव में देरी पर सुनवाई
राज्य के आश्वासन के मद्देनजर याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि इस याचिका में उठाए गए मुद्दों को किसी भी उचित चरण में फिर से उठाए जाने और निर्धारित किए जाने के लिए रखा गया है।
जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदीप्ति शर्मा की खंडपीठ ने राज्य में नगर निगम निकाय में देरी के मुद्दे पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किए हैं। खास बात यह है कि राज्य में अधिकतर नगर निगमों के चुनाव लंबे समय से लंबित हैं। इसमें गुरुग्राम, करनाल, हिसार, फरीदाबाद, रोहतक और यमुनानगर सहित कुछ महत्वपूर्ण स्थानीय निकायों के चुनाव शामिल हैं।
राज्य के इन प्रमुख शहरों में चुनाव कराने में देरी के कारण कूड़े के अनियमित संग्रह, सीवरेज के ओवरफ्लो होने, पानी की कमी और स्थानीय सड़कों के क्षतिग्रस्त होने सहित भारी समस्याएं पैदा हुई हैं।
गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) के चुनाव आखिरी बार 2017 में हुए थे और पार्षदों व मेयर का कार्यकाल 2022 में खत्म हो गया था। इसी तरह करनाल, हिसार, फरीदाबाद, रोहतक और यमुनानगर नगर निगमों के चुनाव इस साल जनवरी में खत्म हो गए थे।
छह माह में होने चाहिए थे चुनाव
इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि नियमों के अनुसार नए चुनाव छह महीने के भीतर होने चाहिए थे, लेकिन परिसीमन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाने के कारण इसमें देरी हुई और यदि परिसीमन पूरा नहीं हुआ है, तो मौजूदा परिसीमन के अनुसार चुनाव कराए जाने हैं।
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