खनन माफियाओं पर हरियाणा सरकार का शिकंजा, 860 FIR दर्ज; 10 करोड़ रुपये से ज्यादा वसूला जुर्माना
हरियाणा राज्य प्रवर्तन ब्यूरो ने खनन माफिया के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है जिसके परिणामस्वरूप अधिक एफआईआर गिरफ्तारियां और वाहनों की जब्ती हुई हैं। मुख्यमंत्री के सख्त निर्देशों के तहत अवैध खनन पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है। इस साल जुर्माने की राशि में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और तकनीक आधारित निगरानी तंत्र को सुदृढ़ किया गया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में खनन माफिया के खिलाफ राज्य प्रवर्तन ब्यूरो (एचएसईएनबी) ने अभियान तेज कर दिया है। पिछले साल दस जुलाई तक जहां 3039 खनन स्थलों की जांच कर 684 एफआईआर दर्ज की गईं थी, वहीं इस साल समान अवधि में 3733 खनन स्थलों की जांच कर आरोपितों के खिलाफ 860 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसी तरह अवैध खनन में शामिल लोगों की गिरफ्तारियां 626 से बढ़कर 754 और जब्त वाहनों की संख्या 945 से बढ़कर 1186 पहुंच गई है।
खनन विभाग के महानिदेशक केएम पांडुरंग ने बताया कि प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा हमारा कर्तव्य है। कानून का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। अवैध खनन के प्रति जीरो टालरेंस नीति के अंतर्गत अवैध खनन के विरुद्ध सशक्त, व्यापक और परिणामोन्मुख अभियान चलाया है।
पूरे प्रदेश में अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने की दिशा में उल्लेखनीय सफलता मिली है। एफआईआर निपटान में भी सुधार देखा गया है। वर्ष 2024 में 329 मामलों का निपटान हुआ था, जबकि 2025 में यह आंकड़ा 445 तक पहुंच गया।
मुख्यमंत्री ने दिया है स्पष्ट निर्देश
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के स्पष्ट निर्देश हैं कि प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कानूनी और पर्यावरणीय मर्यादाओं के भीतर हो। अवैध खनन से न केवल पर्यावरण को क्षति होती है बल्कि सामाजिक तंत्र भी प्रभावित होता है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए प्रवर्तन एजेंसियां पूरी सख्ती और पारदर्शिता के साथ कार्रवाई कर रही हैं।
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि अवैध खनन राज्य की प्राकृतिक विरासत, पारिस्थितिकी तंत्र और कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती है। उन्होंने सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि अवैध खनन से जुड़े मामलों में कोई कोताही न बरती जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
इस साल लगाया गया इतने करोड़ का जुर्माना
हरियाणा राज्य प्रवर्तन ब्यूरो के प्रमुख अमिताभ सिंह ढिल्लों ने बताया कि इस साल अवैध खनन से संबंधित मामलों में दस करोड़ 69 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जो कि वर्ष 2024 में लगाए गए छह करोड़ 78 लाख रुपये के जुर्माने की तुलना में 57 प्रतिशत अधिक है।
यह कार्रवाई न केवल खनन माफियाओं पर कड़ा आर्थिक दबाव बनाने में सफल रही है, बल्कि राज्य सरकार के लिए राजस्व संवर्धन की दृष्टि से भी एक उल्लेखनीय उपलब्धि सिद्ध हुई है।
तकनीक आधारित निगरानी रही कारगर
अवैध खनन की रोकथाम हेतु प्रवर्तन ब्यूरो ने तकनीक आधारित निगरानी तंत्र को सुदृढ़ किया है। जीपीएस ट्रैकिंग, ड्रोन सर्वे और विशेष रेड टीमों का गठन कर सुनिश्चित किया जा रहा है कि न केवल अवैध खनन के प्रयास रोके जाएं, बल्कि दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर उन्हें सजा दिलाई जाए।
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