हरियाणा में पेड़ काटने के लिए अब आसानी से मिलेगा NOC, वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने जारी किए निर्देश
हरियाणा में अब पेड़ काटने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) आसानी से मिलेगा। वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों को एनओसी जारी करने में देरी न करने के निर्देश दिए हैं। टेंडर प्रक्रिया को सरल बनाने और पारदर्शिता लाने पर जोर दिया गया है। सड़कों के किनारे से काबुली कीकर (बबूल) हटाकर उपयुक्त पौधे लगाने और जल-गहन वृक्षों के पौधे न लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, पंचकूला। सार्वजनिक या निजी कार्यों के लिए पेड़ काटने हेतु अब आसानी से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) मिलेगा। वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि एनओसी जारी करने में अनावश्यक विलंब न किया जाए।
आवेदन पर कोई आपत्ति हो तो उसे एक बार में ही दर्ज किया जाए। वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण और प्रधान मुख्य वन संरक्षक सहित सभी जिलों के वन अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में राव नरबीर सिंह ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाएं।
जिला वन अधिकारी (डीएफओ) वर्क एलोकेशन में टेंडरों पर अपने एकाधिकार की भावना न रखें। किसी भी प्रकार की खरीद से पहले मंत्री स्तर से अनुमति लेना अनिवार्य रहेगा। साथ ही दिल्ली व अन्य राज्यों की टेंडर प्रणाली का अध्ययन करने की बात भी कही ताकि हरियाणा में भी अच्छी प्रक्रिया लागू की जा सके।
वन मंत्री ने निर्देशित किया कि सड़कों के किनारे हर साल न्यूनतम 10 प्रतिशत काबुली कीकर (बबूल) को हटाकर उसके स्थान पर उपयुक्त पौधे लगाए जाएं। सरकारी स्तर पर सफेदा जैसे जल-गहन वृक्षों के पौधे न लगाने का निर्देश देते हुए कहा कि यदि कोई किसान अपनी भूमि पर सफेदा लगाना चाहता है तो उसे रोका नहीं जाएगा, परंतु इसे विभाग नहीं खरीदेगा।
उन्होंने कहा कि पौधरोपण के लिए 24 रुपये प्रति गड्ढा खोदाई दर अधिक है। अब तक लगाए गए पौधों का विस्तृत ब्योरा जल्द उपलब्ध कराया जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए एक पेड़ मां के नाम अभियान को मूर्त रूप देना वन विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए।
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