ना मार्शल आए, ना ही कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी... हरियाणा विधानसभा में इस बार हुआ रिकॉर्ड काम
हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र कई मायनों में खास रहा। इस बार स्पीकर हरविन्द्र कल्याण के नेतृत्व में सदन की कार्यवाही में कोई व्यवधान नहीं आया। पूरे सत्र में एक बार भी कार्यवाही स्थगित नहीं हुई और ना ही किसी विधायक को नेम किया गया। विधायकों ने 13 बैठकों में 58 घंटे चर्चा की। इस बार विधानसभा में तय किए गए विधायी कार्यों के मुकाबले 114 प्रतिशत काम हुआ।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा (Haryana Assembly) का सात मार्च से आरंभ होकर 28 मार्च तक चला बजट सत्र कई मायनों में अहम रहा। बजट सत्र की सबसे खास बात यह रही कि स्पीकर हरविन्द्र कल्याण के दिशा निर्देशन में सदन की कार्यवाही में कोई व्यवधान पैदा नहीं हुआ।
पूरे सत्र में एक बार भी सदन की कार्यवाही स्थगित नहीं हुई और ना ही किसी विधायक को नेम किया गया। स्पीकर को एक बार भी मार्शलों की सेवा नहीं लेनी पड़ी। बरसों बाद ऐसा मौका आया, जब इस बार का बजट सत्र सबसे लंबी अवधि तक चला। बजट सत्र की 13 बैठकों में 58 घंटे विधायकों ने सदन में चर्चा की है।
सदन में इस बार हुआ रिकॉर्ड काम
पहली बार तय किए गए विधायी कार्यों के मुकाबले इस बार विधानसभा में 114 प्रतिशत काम हुआ है, जो कि रिकॉर्ड है। 70 प्रतिशत से अधिक सदस्यों ने नियमित रूप से सदन में भाग लिया।
राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय के अभिभाषण पर 11 घंटे 33 मिनट और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा प्रस्तुत राज्य के बजट पर 11 घंटे 57 मिनट तक चर्चा हुई।
राज्यपाल के अभिभाषण और बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी रिकॉर्ड 6 घंटे 27 मिनट तक सदन में बोले। उन्होंने विपक्ष के हर सवाल का तथ्यों और आंकड़ों के साथ जवाब दिया।
विधानसभा में लगाए गए निजी आरोप-प्रत्यारोप
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने विपक्ष के विधायकों खासकर कांग्रेस की मौज लेने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दिया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और परिवहन मंत्री अनिल विज के बीच सदन में मीठी नोकझोंक कई बार हुई।
विधानसभा के सत्र का सबसे खराब पहलू पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा और सफीदो के भाजपा विधायक रामकुमार गौतम के बीच हुए निजी आरोप-प्रत्यारोप रहे। गोहाना की जलेबी के असली अथवा नकली होने को लेकर दोनों में विवाद हुआ था।
नए विधायकों ने भी खुलकर रखी अपनी बात
सत्ता पक्ष की ओर से संसदीय कार्य मंत्री महीपाल ढांडा, अनिल विज, कृष्ण बेदी और विपुल गोयल ने विपक्ष के हर मोर्चे को ध्वस्त करने की कोशिश की, जबकि विपक्ष की ओर से भूपेंद्र सिंह हुड्डा, अशोक अरोड़ा, आफताब अहमद और रघुबीर कादियान के साथ बीबी बत्रा व गीता भुक्कल ने मोर्चा संभाला। नये विधायकों में इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला, निखिल मदान, जस्सी पेटवाड, आदित्य सुरजेवाला और विकास सहारण ने सदन में खुलकर अपनी बात रखी।
स्पीकर का अहम योगदान
अहम बात यह भी रही कि प्रदेश व जनहित से जुड़े मुद्दों पर स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने खुलेमन से सदन में चर्चा करवाई। पर्यावरण संरक्षण के अलावा युवा कल्याण व नशा विरोध के मामलों पर उन्होंने विधानसभा की विशेष कमेटियों के गठन के प्रस्ताव भी पास करवाए। प्राकृतिक खेती में विधायकों को जोड़ने के लिए विशेष सम्मेलन करवाने पर सदन को सहमत करने में कल्याण कामयाब रहे।
राज्यपाल के अभिभाषण पर 2 घंटे 57 मिनट बोले सीएम
यह भी पहला मौका है, जब मुख्यमंत्री नायब सैनी विधानसभा में बोलने के पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए। सात मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण से बजट सत्र की शुरूआत हुई। इसके बाद अभिभाषण पर कुल 46 विधायकों ने 11 घंटे 33 मिनट तक चर्चा की।
कांग्रेस के 20 विधायकों ने 4 घंटे 9 मिनट और भाजपा के 23 विधायकों ने 3 घंटे 58 मिनट तक अभिभाषण पर चर्चा की। इनेलो के दोनों विधायकों आदित्य देवीलाल व अर्जुन चौटाला ने 22 मिनट में अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने धन्यवादी भाषण को 2 घंटे 57 मिनट में पूरा किया।
बजट पर चर्चा का 3 घंटे 31 मिनट तक दिया सीएम ने जवाब
17 मार्च को वित्त मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भाजपा का 11वां और खुद का पहला वार्षिक बजट पेश किया। बजट पर 8 घंटे 57 मिनट तक सदन में चर्चा हुई। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कांग्रेस के 21 विधायकों ने बजट पर 2 घंटे 57 मिनट तक अपनी बात रखी।
भाजपा के 21 विधायकों ने 2 घंटे 15 मिनट तक चर्चा की। इनेलो के दो विधायकों ने 19 मिनट और दो निर्दलीय विधायकों ने 15 मिनट तक चर्चा की। सीएम नायब सिंह सैनी ने बजट चर्चा के बाद 3 घंटे 31 मिनट तक उसका जवाब दिया।
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