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    विधानसभा में गूंजा चंडीगढ़ में नई विधानसभा भवन के विरोध का मामला, CM नायब सैनी बोले- जल्द बुलाएंगे सर्वदलीय बैठक

    Updated: Tue, 19 Nov 2024 10:47 PM (IST)

    हरियाणा विधानसभा के लिए चंडीगढ़ में नए भवन के निर्माण को लेकर जमीन आवंटन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री मंत्रियों और सांसद-विधायकों ने हरियाणा को राजधानी में जमीन देने का विरोध किया है। कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने विधानसभा में निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि जल्द ही मामले को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी।

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    चंडीगढ़ में नया भवन बनाने को जमीन आवंटन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है (सीएम नायब सिंह सैनी फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधान भवन के लिए चंडीगढ़ में नया भवन बनाने को जमीन आवंटन का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हरियाणा को राजधानी में जमीन देने के विरोध में मुखर पंजाब के मुख्यमंत्री, मंत्रियों और सांसद-विधायकों तथा राजनेताओं की आपत्तियों का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने दबाव बनाया कि विधानसभा में निंदा प्रस्ताव लाया जाए।

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    हालांकि विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने मामले को संवेदनशील बताते हुए कहा कि इस पर किसी को राजनीति नहीं करनी चाहिए। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपने संबोधन में कहा कि जल्द ही मामले को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें कोई अधिकृत निर्णय लिया जाएगा।

    निंदा प्रस्ताव पारित करने की उठाई मांग

    शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही थानेसर के विधायक अशोक अरोड़ा ने पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने की मांग उठाई।

    उन्होंने कहा कि शाह आयोग की रिपोर्ट के अनुसार चंडीगढ़ पर हरियाणा का बराबर का हक है। हरियाणा व पंजाब के बंटवारे के समय यह साफ था कि अबोहर-फाजिल्का के 107 हिंदी भाषी गांव हरियाणा को दिए जाएंगे। तब तक चंडीगढ़ दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी रहेगी।

    एसवाईएल के मुद्दे पर भी चर्चा

    उन्होंने कहा कि एसवाईएल के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा के हक में आ चुका है। इसके बावजूद पंजाब ने आज तक एसवाईएल नहर का निर्माण पूरा करने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया।

    अब हरियाणा ने नए परिसीमन के मद्देनजर विधान भवन की नई इमारत बनाने की तैयारी शुरू की तो पंजाब के नेताओं, मंत्रियों तथा पंजाब के मुख्यमंत्री की तरफ से कई अपमानजनक बातें कही गई हैं।

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    चूंकि सदन की कार्यवाही चल रही है, इसलिए आज ही सदन में पंजाब के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाकर आगामी संयुक्त रणनीति का एलान किया जाए। कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष इस मामले में सरकार के साथ है।

    विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि यह बेहद संवेदनशील मुद्दा है। इस मुद्दे पर अचानक से कोई फैसला नहीं लिया जा सकता।

    बेहतर होगा सर्वदलीय बैठक बुलाकर आगामी रणनीति का एलान किया जाए। अशोक अरोड़ा ने कहा कि एक सर्वदलीय शिष्टमंडल इस मामले में प्रधानमंत्री या गृह मंत्री को भी मिले।

    पंजाब को नहीं होनी चाहिए कोई आपत्ति: नायब सैनी

    कई तरह के विचार के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सदन में मोर्चा संभालते हुए कहा कि नए परिसीमन को देखकर तैयारी की जा रही है। पंजाब को इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

    यह विषय राजनीति का नहीं है। हरियाणा वासियों के हित तथा भविष्य की भावी पीढिय़ों से जुड़ा मसला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाकर संयुक्त सहमति के साथ निर्णय लिया जाएगा।

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