हरियाणा में 3084 गांव 'नशामुक्त', DGP शत्रुजीत कपूर का दावा; पूर्व CM भूपेंद्र सिंह ने उठाए सवाल
Haryana News हरियाणा में 3084 गांव और 660 वार्ड नशामुक्त घोषित किए गए हैं। इस बात का दावा पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने किया है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupendra Singh Hooda) ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि प्रदेश (Haryana Drug Free) के किशोर और युवा नशे के चंगुल में फंस रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में 3084 गांव और 660 वार्ड नशामुक्त घोषित कर दिए गए हैं। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने 41.66 प्रतिशत गांव तथा 39.74 प्रतिशत वार्डों के नशामुक्त होने का दावा किया है।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश के किशोर और युवा नशे के चंगुल में फंस रहे हैं। तस्करी में भी इनका इस्तेमाल हो रहा है। डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने मंगलवार को कहा कि हरियाणा पुलिस द्वारा चलाए जा रहे नशामुक्ति अभियान के सार्थक परिणाम सामने आने लगे हैं।
'हमारा गांव नशामुक्त है'
चरखी दादरी में नौ गांवों की पंचायतों ने तो बोर्ड भी लगा दिए हैं कि ‘हमारा गांव नशामुक्त है‘। इनमें गांव जयश्री, लांबा, मिर्च शामिल हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश को नशामुक्त बनाने के लिए प्रत्येक गांव तथा वार्ड में ग्राम प्रहरी व वार्ड प्रहरी तैनात किए गए हैं जो गांवों अथवा वार्डों में नशे संबंधी गतिविधियों पर नजर रखते हैं।
इसके साथ ही वे लोगों का नशा छुड़वाने में भी सहयोग करते हैं। हरियाणा पुलिस द्वारा बच्चों तथा युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र में खेल गतिविधियां भी आयोजित की जाती हैं। 1522 एसपीओ को तैनात किया गया हैं जिनकी देखरेख में खेल गतिविधियां करवाई जा रही हैं।
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खेल मुहिम से प्रदेश के दो लाख 27 हजार 458 युवाओं को जोड़ा
खेल गतिविधियों से अब तक प्रदेश के दो लाख 27 हजार 458 युवाओं को जोड़ा गया है। सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि दूध-दही के लिए विख्यात हरियाणा को भाजपा ने ड्रग्स, अफीम, चिट्टा, हेरोइन, ब्राउन शुगर, स्मैक, चरस, गांजा, कोकीन, भांग और सुलफा का अड्डा बना दिया है। नशा कारोबारी बेखौफ होकर अपना नेटवर्क पूरे प्रदेश में फैला चुके हैं।
हर गांव, गली व मोहल्ले तक नशा पहुंच गया है। केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में नशा करने वाले 16.51 प्रतिशत लोग अफीम और उससे बने नशीले पदार्थ, यहां तक की हेरोइन और चिट्टा का इस्तेमाल करते हैं।
11 प्रतिशत लोग नशे के लिए गांजा, भांग और चरस इस्तेमाल करते हैं। पांच प्रतिशत लोग नींद के लिए ली जाने वाली नशीली दवाइयां और बड़ी मात्रा में लोग कोकीन का भी इस्तेमाल करते हैं।
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