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    जीएसटी फर्जीवाड़े पर सख्त हुई हरियाणा सरकार, 12 हजार 314 फर्मों पर गिरी गाज

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Thu, 28 Nov 2019 02:09 PM (IST)

    जीएसटी फर्जीवाड़े पर हरियाणा सरकार सख्‍त हो गई है और व्‍यापारिेक फर्मों पर कड़ा एक्‍शन लिया है। सरकार ने 12 हजार से अधिक फर्मों का रजिस्‍ट्रेशन को रद कर दिया है।

    जीएसटी फर्जीवाड़े पर सख्त हुई हरियाणा सरकार, 12 हजार 314 फर्मों पर गिरी गाज

    चंडीगढ़, जेएनएन। जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में फर्जीवाड़े पर हरियाणा सरकार सख्त हो गई है। हरियाणा सरकार ने फर्जीवाड़ा कर रहे व्‍यापारिक फर्मों पर गाज गिरानी शुरू कर दी है। राज्‍य सरकार द्वारा 12 हजार 314 फर्मों का पंजीकरण रद कर दिया गया है। इससे व्यापारियों व कारोबारियों में हड़़कंप मच गया है।

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    राज्‍य में सभी नए जीएसटी डीलरों का पंजीकरण की तिथि से 15 दिनों के भीतर भौतिक सर्वेक्षण या निरीक्षण अनिवार्य कर दिया गया है। प्रदेश में एक लाख 13 हजार 590 नए पंजीकृत करदाताओं के सर्वेक्षण में 16 हजार 967 करदाता नदारद मिले। इनमें से 12 हजार 314 का पंजीकरण रद कर  63.12 करोड़ रुपये वसूले गए हैं। इसके अलावा रोड साइड चेकिंग (जुर्माना) के चार हजार 325 मामलों में 38.72 करोड़ रुपये की वसूली की गई है।

    हरियाणा में 12 हजार 314 फर्मों का पंजीकरण हुआ रद 

    आबकारी और कराधान विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कर चोरी को रोकने और जीएसटी संग्रह में सुधार के लिए लेफ्ट आउट फर्मों के पंजीकरण और फर्जी फर्मों के पंजीकरण को रद करने के लिए राज्यव्यापी अभियान चलाया जाए। 40 लाख रुपये से अधिक के कारोबार वाले व्यक्ति को जीएसटी सिस्टम में पंजीकरण कराना जरूरी है।

    पंजीकरण के 15 दिनों के भीतर नए जीएसटी डीलरों का भौतिक सर्वेक्षण हुआ अनिवार्य

    सीएम मनोहरलाल ने कहा कि अधिकारी नियुक्त किए जाएं जो व्यक्तिगत रूप से विभिन्न जिलों में कम से कम 50 पंजीकृत डीलर के पास जाएंगे, जिन्होंने रिटर्न दाखिल नहीं किया है।  महकमे के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में वैट व्यवस्था मेंं 2.25 लाख करदाता थे जो अब जीएसटी व्यवस्था में बढ़कर 4.48 लाख हो गए हैं।

    विभाग ने एक हजार 262 करोड़ रुपये की वसूली की है। इस दौरान फेक ट्रांजिशनल के 2058 मामलों का पता लगा जिनसे 262.49 करोड़ रुपये बरामद हुए। जीएसटीआर-1 बनाम जीएसटीआर 3 बी के बेमेल के तीन हजार 85 और जीएसटीआर-2ए बनाम जीएसटीआर-3बी के बेमेल के 15 हजार 220 मामलों का पता चला है। आरोपितों से क्रमश: 161.78 करोड़ और 284.37 करोड़ रुपये वसूली गई। इसी तरह चार हजार 134 फर्जी ई-वे बिल की पहचान कर 451.75 करोड़ रुपये वसूले गए।

    कर उगाही में नंबर वन हरियाणा, राष्ट्रीय औसत से ढाई गुणा जीएसटी संग्रह

    हरियाणा ने विगत जुलाई से अक्टूबर तक जीएसटी संग्रह के तहत 30.54 फीसद की शानदार वृद्धि दर दर्ज की है जो देश में सर्वाधिक है। इस दौरान जीएसटी के रूप में छह हजार 930 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं। प्रदेश में छह हजार 160 करदाताओं की पहचान की गई है जो कुल राज्य जीएसटी राजस्व में करीब 80 फीसद का योगदान करते हैं।

    वित्तीय वर्ष 2018-19 में जीएसटी में प्रति माह 4602.56 करोड़ रुपये का योगदान दिया गया। राज्य का कुल संग्रह 55,231 करोड़ रुपये है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह 21 हजार 744.49 रुपये है, जबकि राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह नौ हजार 370.33 रुपये है। इस तरह हरियाणा में जीएसटी संग्रह राष्ट्रीय औसत से ढाई गुणा अधिक है।

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