हरियाणा में किसानों के लिए अच्छी खबर, मंडियों में फसल तुलाई पर वजन में नहीं होगी गड़बड़ी, पढ़ें सरकार का फैसला
हरियाणा सरकार ने अनाज मंडियों में तुलाई के लिए 63 साल पुराने नियम में बदलाव किया है। अब मंडियों में केवल इलेक्ट्रॉनिक कांटे ही चलेंगे। किसान कल्याण विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। आढ़तियों को डिजिटल माइश्चर मीटर रखने होंगे। किसानों को सुविधा के लिए ई-खरीद एप डाउनलोड करने की सलाह दी गई है जिससे वे आसानी से मंडी गेट पास प्राप्त कर सकते हैं।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा की अनाज मंडियों में अब फसल की तुलाई पर वजन में गड़बड़ी नहीं हो सकेगी। अब तुलाई के लिए परंपरागत कांटे नहीं चलेंगे। सरकारी खरीद एजेंसी हों या फिर आढ़ती और राइस मिलर्स, सभी को इलेक्ट्राॅनिक कांटे से ही तुलाई करनी होगी। प्रदेश सरकार ने 63 साल पुराने नियम में बदलाव करते हुए तुरंत प्रभाव से नया नियम लागू करने का आदेश दिया है।
किसान एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल ने हरियाणा कृषि उपज मंडी (साधारण) संशोधन नियम-2025 की अधिसूचना जारी कर दी है। घटतौली से निपटने के लिए किसान संगठन लंबे समय से मांग कर रहे थे कि अनाज मंडियों में इलेक्ट्राॅनिक कांटे अनिवार्य किए जाएं।
प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में मंडी सचिवों को इलेक्ट्राॅनिक कांटे रखने का आदेश जारी कर दिया है। धान की तुलाई इलेक्ट्राॅनिक कांटों से होगी। आढ़तियों के लिए प्रत्येक दुकान पर पांच डिजिटल माइश्चर मीटर रखना अनिवार्य रहेगा।
मंडियों में अभी तक सवा चार लाख टन धान पहुंचा
अनाज मंडियों में अभी तक सवा चार लाख टन धान पहुंच चुका है, जिसमें से पौने तीन लाख टन धान खरीदा गया है। इसमें से केवल 15 प्रतिशत का उठान ही हुआ है, जिससे विभिन्न स्थानों पर अनाज मंडियां फसल से अट गई हैं। कुरुक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर और कैथल सहित विभिन्न जिलों में किसान धान में नमी की मात्रा अधिक होने से सड़कों पर ही फसल को सुखाने के लिए डाल दे रहे हैं, जिससे परेशानी और बढ़ गई हैं।
ई-खरीद एप से डाउनलोड करें गेट पास
कृषि विभाग की ओर से किसानों को मंडी में फसल बेचने में किसी तरह की परेशानी से बचने के लिए अपने मोबाइल में ई-खरीद एप डाउनलोड करने की सलाह दी गई है। इस एप के जरिये किसान अपने परिवार पहचान पत्र या आधार कार्ड नंबर के माध्यम से मंडी गेट पास डाउनलोड कर सकते हैं। इससे पहले गेट पास लेने के लिए किसानों को लाइनों में लगना पड़ता था। नई व्यवस्था में मंडियों के मुख्य द्वार पर न तो भीड़ लगेगी और न किसानों को गेट पास के लिए भटकना पड़ेगा।
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