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    ये क्या! अपने ही जाल में फंसे ठग, 10 महीने में पैसा दोगुना करने का वादा; अब 6 करोड़ की संपत्ति कुर्क

    Updated: Thu, 16 Jan 2025 03:30 PM (IST)

    हरियाणा में क्रिप्टोकरंसी के नाम पर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। आरोपितों ने निवेशकों से दस महीने में राशि दोगुना होने का वादा करके अपने झांस ...और पढ़ें

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    हरियाणा में क्रिप्टकरेंसी के नाम पर ठगी, मामले में आरोपितों की संपत्ति कुर्क (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। देश में क्रिप्टो के नाम पर ठगी करने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ईडी ने नई दिल्ली,हरियाणा व जम्मू में कई स्थानों पर छापेमारी कर ठगों की 6 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है।

    ईडी की जांच में सामने आया था कि इस मामले में हरियाणा के सोनीपत निवासी नरेश गुलिया मुख्य सूत्रधार है और फर्जी क्रिप्टो के नाम पर कई निवेशकों को मोटा चूना लगाया चुका है।

    लद्दाख पुलिस ने इस मामले में लेह निवासी अति उल रहमान मीर ओर जम्मू निवासी अजय कुमार चौधरी के नाम मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी और उसके बाद वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आया था।

    10 महीने में पैसा दोगुना करने का वादा कर लगाया करोड़ों का चूना

    आरोप है कि आरोपितों ने फर्जी क्रिप्टो बनाई और इसमें निवेश के माध्यम से दस माह में पैसा दोगुना करने का वादा किया और फिर लेह समेत कई निवेशकों को करोड़ों का चूना लगाया।

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    जांच में यह भी पता चला है कि नरेश गुलिया, अति उल रहमान मीर और अजय कुमार चौधरी ने इस तरह लगभग 16.81 करोड़ रुपये जोड़ लिए।

    धोखाधड़ों की लगभग 6 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई

    ईडी अधिकारियों के अनुसार यह मामला लेह एवं अन्य प्रदेश के लोगों से धोखाधड़ी करने का है। इन लोगों को 'एमोलिएंट क्वाइन' नामक नकली क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने पर केवल दस महीने में उनका पैसा दोगुना हो जाने का आश्वासन दिया था।

    ईडी के अनुसार सोनीपत का नरेश गुलिया 'एमोलिएंट क्वाइन लिमिटेड' नामक कंपनी के माध्यम से फर्जी क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा दे रहा था। इस कंपनी की शुरुआत सितंबर 2017 में ब्रिटेन में की गई थी।

    ईडी प्रवक्ता ने बताया कि नई दिल्ली में मनोज जी एंड कंपनी के मालिक व शेयरधारकों की 2.25 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति कुर्क की। इसे अलावा एमोलिएंट क्वाइन के नाम से जम्मू और सोनीपत में 3.66 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है।

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    गौरतलब है कि लद्दाख पुलिस ने लेह में स्थानीय निवासी अति उल रहमान मीर और जम्मू निवासी अजय कुमार चौधरी पर फर्जी क्रिप्टो करंसी चलाकर ठगी करने का मामला दर्ज किया था।

    ईडी अधिकारियों के अनुसार उसके आधार पर जांच आगे बढ़ी और पाया गया कि नरेश गुलिया ने मोबाइल एप के नाम पर फर्जी इमोलिएंट क्वाइन डिजाइन कराया। लोगों ने जब कंपनी में निवेश किया तो नरेश गुलिया ने पांच मार्च 2019 को अचानक कंपनी बंद कर दी और उसके बाद नरेश गुलिया ने 'एमआइएस टेकक्वाइन' के नाम से नई कंपनी बनाई। इस कंपनी का पंजीकृत कार्यालय वही था जो इमोलिएंट क्वाइन का था।

    सितंबर 2019 में इस फर्जी क्वाइन की कीमत को गिरा दिया और अक्टूबर-नवंबर 2019 में संबंधित मोबाइल एप भी निष्क्रिय हो गया। इसके बाद 12 जनवरी 2021 को यह कंपनी भी बंद कर दी गई। इससे निवेशकों को मोटा चूना लगा।

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