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    Farmers Protest: 2 घंटे में 13 मांगों पर चर्चा, CM नायब से मुलाकात के बाद खुश होकर लौटे किसान, चढूनी बोले- हमारी मांगों पर सरकार गंभीर

    Updated: Mon, 30 Dec 2024 04:16 PM (IST)

    खनौरी बॉर्डर पर 35 दिनों से आमरण अनशन कर रहे किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को 31 दिसंबर तक उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश दिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी से मुलाकात की और उनकी मांगों पर चर्चा की। उन्हें आश्वासन दिया है।

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    सीएम नायब सैनी और किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) गुट के साथ करीब दो घंटे की वार्ता के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन खत्म कराने के लिए मध्यस्थता करने का भरोसा दिलाया है। फसलों पर एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने तथा पंजाब के किसानों को बातचीत के लिए दिल्ली जाने देने की मांग को लेकर डल्लेवाल अनशन कर रहे हैं।

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    हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने किसान प्रतिनिधियों को अवगत कराया कि राज्य सरकार सभी फसलें एमएसपी पर खरीदने की अधिसूचना जारी कर चुकी है, जो कि स्वयं में गारंटी है। इस पर किसान प्रतिनिधियों ने मांग की है कि कोई भी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम पर ना बिके, इसके लिए कानून बनाया जाना जरूरी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निवास पर दोपहर 12 बजे से आरंभ हुई।

    इस वार्ता में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली और प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पुनिया समेत मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी भी शामिल हुए। किसान प्रतिनिधियों का नेतृत्व भाकियू के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को 13 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा और प्रत्येक बिंदु पर विस्तार से चर्चा की।

    छोटे व्यापारी खत्म होकर केवल बड़े व्यापारी ही बचेंगे

    चढूनी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि विपणन (बाजार) पर राष्ट्रीय नीति ढांचा मसौदा प्राइवेट मंडियों को लेकर तैयार किया गया है। हरियाणा के किसान इसके हक में नहीं है, क्योंकि प्राइवेट यार्ड को मंडी मानने से मंडियो में प्रतिस्पर्धा खत्म हो जाएगी। छोटे व्यापारी खत्म होकर केवल बड़े व्यापारी ही बचेंगे।

    भाकियू नेताओं ने कहा कि सरकारी एजेंसी हैफेड के भी मायने खत्म हो जाएंगे। मंडियो के पूरे आढ़ती, मुनीम, मजदूर, ट्रांसपोर्टेशन और बारदाना वाले सभी बेरोजगार हो जाएंगे। मंडी में आने वाला राजस्व खत्म हो जाएगा, जिसे ग्रामीण क्षेत्र का विकास रूकेगा और आम लोगों को खाद्य पदार्थ महंगे रेट पर मिलेंगे।

    इस प्रस्ताव को रद कराने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपने सुझाव लिखित में 10 जनवरी तक दे दें, ताकि उन्हें केंद्र सरकार के समक्ष स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जा सके। किसान प्रतिनिधियों ने जगजीत सिंह डल्लेवाल के अनशन को खत्म कराने व किसानों की मांग पूरी करने की मांग सरकार से की, जिस पर सीएम ने कहा कि वे इस मुद्दे पर केंद्र सरकार व आंदोलनकारी किसानों के बीच मध्यस्थता करने का काम करेंगे।

    मुकदमे वापस लेने की मांग रखी

    बैठक में किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य में फसल खरीद की अधिसूचना को विधानसभा में पास करवाकर कानून बनाया जाना चाहिए।

    किसानों ने आंदोलन के दौरान उन पर दर्ज मुकदमों का जिक्र करते हुए पहले से चल रहे सभी मुकदमे वापस लेने की मांग रखी, जिस पर मुख्यमंत्री ने अपने मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को इस मांग को पूरा करने के लिए अधिकृत किया। सूरजमुखी की फसल की एमएसपी पर खरीद के लिए आंदोलन करने पर भी दो मुकदमे दर्ज हुए थे, जिन्हें वापस लेने का भरोसा सरकार की ओर से दिलाया गया है।

    किसानों ने उठाए मुद्दे और सरकार का ऐसा रहा रुख

    • इस बार गन्ने की फसल कम है। चीनी मिलें गन्ना कम होने के कारण आपस में एक, दूसरे का गन्ना खरीद रही हैं। गन्ने का भाव कम होने के कारण इस बार बिजाई कम होने की संभावना है, जिससे अगले साल गन्ने की खेती कम होगी और गन्ने का क्षेत्रफल धान की फसल में बदल जाएगा। गन्ने का भाव 450 रुपये प्रति क्विंटल किया जाना चाहिए। इस मांग पर सीएम ने सभी चीनी मिलों से बात करने का भरोसा दिलाया।
    • किसान क्रेडिट कार्ड व अन्य लोन में किसानों व रकम का बीमा करवाया जाए, ताकि किसान के साथ किसी भी प्रकार की दुर्घटना व अनहोनी के कारण पीछे परिवार को आर्थिक बोझ ना उठाना पड़े। इसका प्रीमियम राज्य सरकार अदा करे। मुख्यमंत्री ने इस मांग का समर्थन करते हुए समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया।
    • पिछले काफी समय से सहकारी समितियों में किसानों के नये खाते नहीं बनाए जा रहे हैं। लोन की लिमिट भी काफी समय से नहीं बढ़ाई गई है, परंतु खेती की लागत हर वर्ष बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में सहकारी समितियों के रजिस्टरार को जरूरी निर्देश देने की बात कही।
    • मनरेगा को खेती से जोड़ा जाए, ताकि खेती में मजदूरों की भारी कमी को पूरा किया जा सके। धान के सीजन के दौरान सूखा पडने से सरकार ने प्रति एकड दो हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी, लेकिन बहुत से किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिला। किसानों की इस मांग पर मुख्यमंत्री ने कृषि सचिव को जरूरी निर्देश दिए।
    • हरियाणा के किसानों का उत्तराखंड की इकबालपुर शुगर मिल में 2017-18 का लगभग 34 करोड रुपये गन्ने का बकाया है, जो किसानों को ब्याज सहित दिलवाया जाए। इसके अलावा, सरसों, सूरजमुखी और बाजरा की औसतन पैदावार को 10 से 12 किवंटल प्रति एकड़ खरीद में सुनिश्चित किया जाए। इन दोनों मांगों को भी पूरा कराने का भरोसा सीएम ने दिलाया है।

    विभिन्न किसान प्रतिनिधियों के साथ हमारी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात हुई। उन्हें खेती और किसानी को प्रोत्साहित करने तथा समृद्ध करने के लिए कई सुझाव तता मांग पत्र सौंपा। हर मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई।

    किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन खत्म कराने का अनुरोध हमने मुख्यमंत्री से किया। सभी विषयों पर बहुत ही अच्छे और सकारात्मक माहौल में बातचीत हुई है। हर मांग को मुख्यमंत्री ने सुना और उसका समाधान तय किया। बातचीत के बाद हमें लगा कि किसानों की मांगों पर सरकार गंभीर है।

    - गुरनाम सिंह चढूनी, अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन

    मैं किसान परिवार से आता हूं और खुद खेत में हल चलाया है। हर कदम पर किसान भाइयों को होने वाली समस्याओं को समझता हूं और संवाद द्वारा समाधान का प्रयास करता हूं। गुरुनाम सिंह चढूनी की अगुवाई में विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं के साथ किसान हित के कई मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।

    कृषि का विकास हो और किसान समृद्ध बने, इसके लिए किसान संगठनों के साथ बातचीत के बाद हम नीतियां बना रहे हैं। चर्चा में कई सुझाव भी आए, जिन पर हम कार्य करेंगे। किसान निरंतर आगे बढ़ें, हमारा देश आगे बढ़े और भारत विकसित बने, यही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी नान-स्टाप सरकार का संकल्प है।

    - नायब सिंह सैनी, मुख्यमंत्री, हरियाणा

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