Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    HSVP Scam: पूर्व विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा ने घोटाले के पैसे से लड़ा चुनाव, ईडी ने किया बड़ा दावा

    Updated: Wed, 13 Aug 2025 09:18 PM (IST)

    हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में 225 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच में ईडी ने पाया कि पूर्व विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा ने घोटाले के पैसे से चुनाव लड़ा। जांच में 11 बैंक खातों का इस्तेमाल हुआ। 2015-2019 के बीच सुरजाखेड़ा और सुनील कुमार बंसल एचएसवीपी में कार्यरत थे। ईडी ने 10 लोगों के बयान दर्ज किए जिनके खातों में 160 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए।

    Hero Image
    ईडी ने दावा किया है कि पूर्व विधायक सुरजाखेड़ा ने घोटाले के पैसे से टिकट लेकर विधानसभा चुनाव लड़ा था।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) में 225 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दावा है कि पूर्व विधायक और खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के चेयरमैन रहे रामनिवास सुरजाखेड़ा ने घोटाले के पैसे से ही विधानसभा चुनाव लड़ा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हेराफेरी से जुटाई राशि से चुनाव में टिकट लिया और फिर चुनाव प्रचार में भी इसका इस्तेमाल किया। पंचकूला कोर्ट में ईडी द्वारा दाखिल रिपोर्ट के मुताबिक घोटाले में 11 अलग-अलग बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया। वर्ष 2019 से 2024 तक नरवाना से जजपा विधायक रहे रामनिवास सुरजाखेड़ा इससे पहले एचएसवीपी में सीनियर अकाउंट ऑफिसर थे।

    वर्ष 2015 से 2019 के बीच जब फर्जीवाड़ा हुआ, तब रामनिवास सुरजाखेड़ा 2017 तक और सुनील कुमार बंसल 2019 तक अकाउंट असिस्टेंट और सीनियर अकाउंट आफिसर पद पर कार्यरत थे। मामले में ईडी ने पूर्व विधायक के नजदीकियों में शामिल 10 लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिनके खातों में लगभग 160 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए थे।

    मास्टर माइंड सुनील कुमार बंसल और रामनिवास सुरजाखेड़ा ने ई-मेल के जरिए बैंकों को निर्देश दिया था कि धनराशि कुछ खास लोगों और संस्थाओं को ट्रांसफर करें। फिर इस धनराशि को वापस ले लिया गया। हालांकि पूर्व विधायक का दावा है कि उनके खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं है। गवाहों ने दबाव में आकर उनके खिलाफ गवाही दी है।

    वहीं, मामले में बैंक अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध बताई गई है। पंजाब नेशनल बैंक (मनीमाजरा शाखा) और यूनियन बैंक आफ इंडिया की चंडीगढ़ के सेक्टर 17 स्थित शाखा के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी खातों के लिए खाता खोलने के फार्म, ग्राहक की पहचान संबंधी रिकार्ड, प्राधिकरण के पत्र और अन्य जरूरी दस्तावेज सही तरीके से नहीं बनाए रखे।

    पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों ने सुनील कुमार बंसल द्वारा नियंत्रित एक अनौपचारिक ईमेल आइडी से मिली मेल के आधार पर करोड़ों रुपये के लेन-देन किए। इन पर न तो कोई आधिकारिक हस्ताक्षर थे और न ही कोई मुहर। इसके अलावा बिना आधिकारिक मुहर और नकली हस्ताक्षरों वाले पत्रों और निजी नंबर से मिले टेलीफोन पुष्टिकरण पर भी लेन-देन हुए।

    इसी तरह यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने एचएसवीपी के भूमि अधिग्रहण अधिकारियों के नाम पर खाते चलाए। इसने भी जाली दस्तावेजों और सिग्नेचर के आधार पर पैसे निकालने की अनुमति दी, जिनमें कोई मुहर, अनुमोदित संदर्भ या सत्यापन प्राधिकारी मौजूद नहीं था। घोटाले में 12 आरोपित अभी फरारबंसल और सुरजाखेड़ा के अलावा ईडी ने अपनी शिकायत में तीन और आरोपितों का जिक्र किया है।

    इनमें बलविंदर सिंह (खातों में 54.51 करोड़ रुपये आए), हरिंदर पाल सिंह (खातों में 41.23 करोड़ आए) और रंजीत सिंह (खातों में 24.85 करोड़ आए) के नाम शामिल हैं। इस मामले में 12 लोग अब भी फरार हैं। आरोप है कि बंसल ने अपनी सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले पीएनबी की मनीमाजरा शाखा में मुख्य धोखाधड़ी वाला खाता बंद कर दिया, जिससे लगभग 70 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई थी।

    शुरुआती जांच इसी खाते से शुरू हुई थी। मामले में ईडी अभी तक चल संपत्तियों के अलावा पंचकूला के सेक्टर 26 में तीन मकान, मोहाली के माजरी और खरड़ में 26 प्लाट और अंबाला में 30 भूखंड कुर्क कर चुकी है।